इस साल 2024 का जनवरी की 22 तारीख का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जा चुका है। 500 वर्षों के बाद भारतीय सनातन धर्म को अपने आदर्श प्रभु मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर का निर्माण हुआ और भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। भारत के हर कोने से लेकर पूरी दुनिया में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह पूरे जोश उल्लास और उत्सव के साथ मनाया गया है। भारत का सालों का सपना साकार हुआ। अब भगवान राम लला अपने मंदिर में विराजमान हैैं और लाखों प्रभु भक्त भगवान राम के दर्शन प्रतिदिन कर रहे हैैं। राम लला का अमूल्य आभूषणों से श्रृंगार किया गया है।

रामलला पूरे सप्ताह हर दिन पहनेंगे मनमोहक वस्त्र दिव्य छवि के होंगे दर्शन

जानकारी के अनुसार भगवान राम को प्रतिदिन आभूषणों के साथ साथ पूरे सप्ताह के सातों दिवस अलग अलग रंगों के खुबसूरत अंग वस्त्रों से सजाया जायेगा। भक्तों को सप्ताह के सातों दिन भगवान के दिव्य रूप के दर्शन अलग अलग रंगों के वस्त्रों में होंगे। प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार भगवान राम को सोमवार के दिन सफेद रंग के वस्त्रों से सुशोभित किया जायेगा तो मंगलवार को लाल, बुधवार का हरे रंग और गुरुवार को पीले रंग के वस्त्र पहनाए जायेंगे। इसी प्रकार शुक्रवार जहां भगवान को पीले तो शनिवार को नीलवर्ण के वस्त्रों से सुशोभित किया जायेगा रविवाक तो भगवान आपको गुलाबी रंग के वस्त्रों के साथ दिव्य रूप में नजर आयेंगे साथ ही वस्त्रों के अनुसार आभूषणों से भी उनको सुशोभित किया जायेगा। भगवान के आभूषण और उनके वस्त्रों को बहुत ही सावधानी और बारीकी से तैयार किया गया है।

रामलला के दर्शन की समयावधि

भगवान राम लला के दर्शनों के लिये सुबह 6.30 बजे से दोपहर 12.00 तक, फिर दोपहर 2.00 बजे से रात 10.00 बजे का समय निर्धारित किया गया हैं। भीड़ की स्थिति के अनुसार दर्शन का समय घटाया या बढ़ाया जा सकता है। प्रतिदिन प्रात: 4.00 भगवान को मंगल आरती से जगाया जायेगा और भगवान प्रतिदिन दोपहर 12.00 से 2.00 बजे तक 2 घंटों के लिये विश्राम करेंगे।

आरती में शामिल होना हो तो यह करें

दिन में तीन बार रामलाल की आरती की जाएगी। आरती में शामिल होने के लिए आपको ट्रस्ट की तरफ से पास लेना अनिवार्य होगा, जिसके लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से प्रयास कर सकते हैं। ऑनलाइन पास लेने के लिए ट्रस्ट की वेबसाइट srjbtkshetra.org पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।