नई दिल्ली। केन्द्र में बैठी सरकार पर नाइंसाफी का आरोप लगाते हुए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ‎दिल्ली में ‎विरोध प्रदर्शन करने में जुटी हुई है। बता दें ‎कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखा रही है। केंद्र सरकार पर आर्थिक अत्याचार और नाइंसाफी के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई वाली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन करने डट गई है। ‎मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस नेता चलो दिल्ली आह्वान के तहत दिल्ली पहुंच गए हैं। कांग्रेस का दावा है कि केंद्र सरकार की नाइंसाफी के कारण साल 2017-18 के बाद से अब तक कर्नाटक सरकार को 1.87 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। कांग्रेस मंत्रियों और नेताओं ने इस विरोध को लेकर अनेक बातें कहीं हैं। कर्नाटक के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा ‎कि केंद्र सरकार ने हमारे राज्य से लगभग 4,50,000 रुपये का कर जुटाया है, लेकिन हमें सिर्फ 50,000 रुपये मिल रहे हैं। इस वर्ष 236 तालुकों में से 220 तालुकों को सूखे से प्रभावित घोषित किया गया है। अभी तक कर्नाटक के लिए एक रुपया भी जारी नहीं किया गया है। 
मंत्री केएच मुनियप्पा ने कहा ‎कि हम सरकार से नाराज नहीं हैं। भारत सरकार ने कर्नाटक में सूखे की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति भेजी है और रिपोर्ट प्रस्तुत की है। अंत में, मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से मुलाकात की जो सूखे की स्थिति के बारे में चिंतित थे और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे धनराशि जारी करेंगे। आज तक, उन्होंने धनराशि जारी नहीं की है। हमने धन प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास किए हैं। यह अंतिम उपाय है, हमें विरोध करना होगा। दिल्ली में होने वाले विरोध-प्रदर्शन पर कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने कहा ‎कि आज, पूरा कर्नाटक मंत्रिमंडल कर्नाटक सरकार को सही कर राशि का भुगतान करने की मांग करने के लिए केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली आया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ यहां जंतर-मंतर पर केंद्र द्वारा किए गए अन्याय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।