जयपुर । मुख्य सचिव सुधांश पंत ने निर्देश दिये कि भिवाड़ी क्षेत्र में उपचारित औद्योगिक जल एवं सीवेज को प्राथमिकता से पुन: उपयोग में लेने के पश्चात अतिरिक्त जल को जलाशयों में छोड़ा जाना सुनिश्चित किया जाये। पंत शासन सचिवालय में राष्ट्रीय राजमार्ग—48 पर धारूहेड़ा के पास जल भराव स्थिति की समीक्षा एवं समस्या के समाधान के लिए आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की समीक्षा कर रहे थे।
 मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि घरेलू शोधित जल का उपयोग बागवानी, कृषि कार्यों, सड़कों पर छिड़काव एवं भवन निर्माण आदि में करना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि भिवाड़ी नगर परिषद, द्वारा सीवर लाईन एवं घरेलू कनेक्शन से सम्बन्धित कार्य तुरन्त पूर्ण किया जाये। नगर परिषद, भिवाड़ी द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार छोटे एसटीपी की सम्भावना भी तलाशी जाये जिससे शोधित जल का उपयोग स्थानीय स्तर पर हो सके। औद्योगिक इकाईयो के दूषित जल का निकास सीईटीपी कन्ड्यूट सुनिश्चित किया जाकर अन्य निकास बन्द कराये जायें।पंत ने कहा कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा सीईटीपी उपचारित जल का उपयोग सुनिश्चित किया जाये, इसके लिए उद्योगों से एमओयू किए जाने पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा भूमिगत जल निकासी बन्द कर सीईटीपी उपचारित जल का उपयोग सुनिश्चित किया जाये तथा भिवाड़ी के ड्रेनेज सिस्टम की सफाई एवं क्षमता विस्तार का कार्य आगामी मानसून से पूर्व समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाये।