जयपुर. राजस्थान क्रिकेट की सियासत में अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ के बेटे पराक्रम सिंह की भी एंट्री हो गई हैं. पराक्रम सिंह राठौड़ चूरू से अध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर क्रिकेट की सियासत की दौड़ में शामिल हो गए हैं. नेता पुत्र के जिले से चुनाव जीतने के बाद इसे आरसीए के भविष्य के नेतृत्व की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. आरसीए में मौजूदा समय में पूर्व मुख्यमंत्री अशो गहलोत के बेटे वैभव गहलोत अध्यक्ष हैं. लेकिन भजनलाल सरकार में एक और मंत्री के बेटे पहले से आरसीए की राजनीतिक अखाड़े में मौजूद हैं.

राजस्थान क्रिकेट की सियासत भी अब दिलचस्प होती जा रही है. बीजेपी-कांग्रेस के आला नेताओं ने जहां पहले आरसीए की सियासत में अपनी बड़ी भूमिका निभाई हैं वहीं अब उनके बेटे भी इसमें शामिल होते जा रहे हैं. मंगलवार को राजेन्द्र राठौड़ के बेटे पराक्रम सिंह ने चूरू जिला संघ में निर्विरोध अध्यक्ष जीतकर आरसीए की सियासत में अपना दखल दे दिया है. इससे पराक्रम को भी आरसीए अध्यक्ष की दौड़ में देखा जा रहा है.

चूरू जिला संघ के नये चुनाव में सुशील शर्मा को एक बार फिर से सचिव पद पर चुना गया. जबकि दीनदयाल सारस्वत को कोषाध्यक्ष चुना गया है. चुनाव अधिकारी भागीरथ शर्मा की देखरेख में कार्यकारिणी के सभी पदों के लिए निर्विरोध निर्वाचन हुआ. चुनाव में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से उपाध्यक्ष शक्ति सिंह राठौड़, जिला क्रीड़ा परिषद की ओर से सीताराम प्रजापति और जिला ओलंपिक संघ की ओर से ठाकुरमल शर्मा पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद थे.

खुद क्रिकेटर रह चुके पराक्रम ने अध्यक्ष पद पर चुना जाने के बाद जिला कलेक्टर से मुलाकात की और चूरू में नये स्टेडियम के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की. पराक्रम ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि एक साल के अंदर जिले में नया क्रिकेट ग्राउंड तैयार किया जाए ताकि यहां आरसीए और बीसीसीआई के घरेलू मैचों का आयोजन संभव हो सके. हालांकि दूसरी तरफ आरसीए की ओर से इस चुनाव में ऑफिशियल आर्ब्जवर नहीं भेजने की बात भी कहीं गई है.