पुणे। पिछले तीन दिनों से पुणे पुलिस ने अब तक साढ़े तीन हजार करोड़ रूपये मूल्य की मेफेड्रोन या एमडी जब्त की है. पुणे, कुरकुंभ और दिल्ली के बाद अब महाराष्ट्र के सांगली जिले से भी नशीला पदार्थ बरामद किया गया है. पुणे, दिल्ली के बाद सांगली जिले के कुपवाड एमआईडीसी में 300 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई है। इस बीच, पुणे पुलिस ने मंगलवार दिनांक 20 फरवरी को कुरकुंभ इंडस्ट्रियल एस्टेट में एक कंपनी पर छापा मारा और 1000 करोड़ रुपये की 500 किलोग्राम एमडी और विश्रांतवाड़ी से 100 करोड़ रुपये की 50 किलोग्राम एमडी जब्त की। इसके अलावा क्राइम ब्रांच की टीम ने दिल्ली की एक कंपनी पर छापा मारकर 800 करोड़ रुपये की एमडी जब्त की है. वहीं बुधवार को सांगली से 10 किलो एमडी जब्त किया गया था. इसके अलावा पुणे पुलिस ने बताया कि अन्य 50 किलो एमडी की तलाश जारी है. इन सभी ऑपरेशनों में कुल आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है और पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. देश में नशीली दवाओं की तस्करी में बड़े तस्कर शामिल हैं और नारकोटिक्स कंट्रोल डायरेक्टोरेट (एनसीबी) की मदद से देशव्यापी जांच शुरू की गई है। पुणे पुलिस की विभिन्न टीमों ने पुणे, विश्रांतवाड़ी, कुरकुंभ, दौंड और दिल्ली फिर इंग्लैंड में मादक द्रव्य विरोधी अभियान चलाए हैं। इस बीच पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली तथा सांगली में छापेमारी कर मेफेड्रोन (एमडी) जब्त किया है. दिल्ली में ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने 970 मेफेड्रोन जब्त किए. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया. पुणे पुलिस अब तक साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये की मेफेड्रोन जब्त कर चुकी है. गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम दिवेश चिरंजीत भुतिया, संदीप राजपाल कुमार हैं। मेफेड्रोन बनाने वाली कंपनी अर्थकेम लेबोरेटरीज के मालिक भीमाजी उर्फ ​​​​अनिल परशुराम साबले (45) और इंजीनियर युवराज बब्रुवन बालभुज (40) को पुणे-सोलापुर राजमार्ग पर कुरकुंभ औद्योगिक एस्टेट में गिरफ्तार किया गया। इससे पहले गुंडा वैभव उर्फ ​​पिंट्या भरत माने (42, निवासी खड़ीची मैदान, सोमवार पेठ), हैदर नूर शेख (40, निवासी विश्रांतवाड़ी) तथा अजय अमरनाथ करोसिया (35) को गिरफ्तार किया गया था। मेफेड्रोन तस्करी मामले में गैंगस्टर वैभव उर्फ ​​पिंट्या माने, हैदर शेख, अजय करोसिया को क्राइम ब्रांच ने सोमवार को गिरफ्तार किया था. इनके पास से साढ़े तीन करोड़ रुपये कीमत का मेफेड्रोन जब्त किया गया है. ड्रग रैकेट का मास्टर माइंड पंजाब का रहने वाला है. कई वर्ष पहले परिवार सहित इंग्लैंड में था। उसे 2016 में कुरकुंभ में छापेमारी में पकड़ा गया था।