मुंबई । एक सर्वें में सामने आया हैं कि 86 फीसदी वर्किंग महिलाएं चाहती हैं फाइनेंशल स्किल्स सीखना। महिलाएं वित्त मामलों में अपनी समझ बढ़कर अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने को लेकर भी इच्छुक हैं। लेकिन वे निवेश से जुड़े फैसले नहीं ले रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उसमें वित्तीय मामलों की समझ जानकारी के अभाव में विकसित नहीं हुई है, और वे कुछ झिझक भी रखती हैं। 
सर्वे से साफ होता हैं कि यदि महिलाओं को वित्तीय मामलों पर सही शिक्षा, जानकारी और गाइडेंस मिल जाए तब वे इस दिशा में आगे बढ़ेंगी। रिपोर्ट के अनुसार 86 प्रतिशत महिलाएं बजटिंग, निवेश और बचत जैसे क्षेत्रों में समझ विकसित करना चाहती हैं। सर्वेक्षण में 24-55 आयु वर्ग की 10,000 से अधिक कामकाजी महिलाओं को शामिल किया गया। इसमें से 76 प्रतिशत ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा जाहिर की है। यह सर्वेक्षण देश के प्रमुख शहरों और उभरते हुए शहरों में किया गया था। 
सर्वे में शामिल 69 प्रतिशत महिला उद्यमी निवेश करती हैं, जबकि केवल 51 प्रतिशत वेतनभोगी महिलाएं निवेश करती हैं। दिलचस्प यहां है कि 79 फीसदी निवेशक महिलाएं अपने वित्तीय निर्णय स्वयं लेती हैं, जबकि शेष 21 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनसाथी या माता-पिता से सलाह लेती हैं। गौरतलब है कि निवेश न करने के कारणों में 25 प्रतिशत महिलाओं ने आत्मविश्वास की कमी को बताया। वहीं 29 प्रतिशत महिलाओं ने वित्तीय साधनों की सीमित जानकारी के अभाव को इसकी मुख्य वजह बताया। 
अध्ययन में शामिल महिलाओं में सबसे अधिक संख्या 25-34 आयु वर्ग की थी, जो कुल शामिल महिलाओं का 33.6 प्रतिशत थीं। इसके बाद 35-44 आयु वर्ग की महिलाएं 25.6 प्रतिशत थीं। सर्वेक्षण में शामिल महिलाओं में से 44.5 प्रतिशत वेतनभोगी महिलाएं थीं, वहीं सर्वें में शामिल 31.3 प्रतिशत खुद का कारोबार करने वाली महिलाएं थीं। वहीं, 12.3 प्रतिशत गृहिणी थीं और 4.4 प्रतिशत महिलाएं चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकील जैसी पेशे से जुड़ी थीं। वैवाहिक स्थिति के अनुसार, 67.2 प्रतिशत महिलाएं विवाहित थीं, जबकि 20.5 प्रतिशत अविवाहित थीं। 
सर्वेक्षण में सामने आया कि 86 प्रतिशत महिलाएं बजटिंग, निवेश और बचत जैसे क्षेत्रों में काम आने वाले जरूरी हुनर सीखना चाहती हैं। इस सर्वे के बारे में बताया, यह बढ़ती हुई फाइनेंशल लिटरेस महिलाओं को निवेशकों और उद्यमियों के तौर पर सफल होने में मददगार साबित होगी।