फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
 

दोस्तों, आपकी टीम में कितने भी स्टार खिलाड़ी क्यूँ ना हों अगर वे एक टीम के रूप में नहीं खेल रहे हैं तो मैच जीतना आपके लिए खेल के मैदान में गिरी एक छोटी सी सुई के समान है। इसीलिए खिलाड़ियों को महत्वपूर्ण प्रतियोगिता या मैचों से पहले खेल शिविर में भेजा जाता है, जहाँ कोच अनुभवी और नए खिलाड़ियों के एक अनाकार समूह को एकजुट इकाई में बदल कर, विजेता बनने के लिए प्रेरित करते है। खेल में विजेता बनने का ‘टीम भावना’ का यह सूत्र दोस्तों स्टार्टअप और व्यवसायियों को भी सफल बना सकता है। कल हमने खेल शिविर में विजेता बनाने के लिए सिखाई जाने वाली महत्वपूर्ण बातों से अपने व्यवसाय या स्टार्टअप को सफल बनाने वाले 7 में से पहले 2 मूलमंत्र सीखे थे। आईए, आगे बढ़ने से पहले उन्हें दोहरा लेते हैं-

पहला मंत्र - जीत को लक्ष्य बनाएँ
दोस्तों, वर्ष 1983 में क्रिकेट विश्वकप खेलने गई टीम के सदस्यों को भी भरोसा नहीं था कि वे क्वालिफ़ायइंग राउंड तक भी पहुँच पाएँगे। पर कोच और कप्तान कपिल देव के द्वारा जगाए गए विश्वास, ऊर्जा और जीत पाने की ललक ने हज़ारों विपृत परिस्थितियों के बाद भी हमें विश्व विजेता बनाया। ठीक इसी तरह एक स्टार्टअप या व्यवसाय को अपना लक्ष्य तय करना चाहिए। जिससे अपनी टीम में लक्ष्य पाने के लिए आवश्यक समान मूल्य और जुनून पैदा किया जा सके। वैसे भी दोस्तों हार्वर्ड बिजनेस स्कूल द्वारा किए गए अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि लक्ष्य तय कर, उसे लिख कर रखने वाले लोग अपने साथियों की तुलना में 10 गुना अधिक सफलता पाते हैं।

दूसरा मंत्र - टीम में विश्वास पैदा करें
एन॰एफ़॰एल॰ के प्रसिद्ध कोच बिल पार्सल्स के अनुसार, ‘अगर खिलाड़ी, कोच और टीम के अन्य सदस्यों पर भरोसा नहीं करता है तो यह एक समस्या है। भरोसे के बिना टीम का असफल होना तय है।’ इसलिए दोस्तों स्टार्टअप या व्यवसाय को सबसे पहले अपनी टीम में विश्वास पैदा करने के लिए आपको ईमानदारी के साथ पारदर्शी नीति बनाकर उन्हें प्रशिक्षित करना होगा और पूरे विश्वास के साथ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौक़ा देना होगा। गूगल के सीनियर वी॰पी॰ लाज़लो ब्लॉक कहते हैं, ‘अपनी टीम के प्रति पारदर्शी और ईमानदार रहें, उन्हें सिखाएँ कि चीज़ें कैसे काम करती है और यह सिखाने का एकमात्र तरीक़ा अपने अधिकारों का थोड़ा सा त्याग कर, उन्हें आगे बढ़ने के लिए जगह देना है।’

चलिए दोस्तों, अब हम खेल शिविर से व्यवसाय या स्टार्टअप को सफल बनाने के अगले तीन मंत्र सीखते हैं-

तीसरा मंत्र - अपने टीम के लोगों को बेहतर बनाएँ
‘चक दे इंडिया’ फ़िल्म में आपने देखा होगा कोच कबीर खान हर पल टीम के खिलाड़ियों को मानसिक, शारीरिक और तकनीक में बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। वे उन्हें डर, उम्मीद व लालच की मदद से अपने विचारों को मानने व बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। साथ ही कई बार बेहतर छलांग लगाने के लिए एक कदम पीछे लेने की सलाह भी देते हैं। ठीक इसी तरह यह मानना कि हमारे पास सर्वोत्तम टैलेंट है या हमारी टीम के सदस्यों के पास पर्याप्त समझ है और वे अपना-अपना काम स्वयं बेहतर तरीके से कर लेंगे, नुक़सान दायक सिद्ध हो सकता है। इसके स्थान पर उन्हें एक टीम के रूप में प्रदर्शन करने के लिए तैयार करें। इसके लिए टीम के सर्वोत्तम या बेहतर प्रदर्शन करने वाले सदस्यों को अतिरिक्त संरक्षण की आवश्यकता वाले साथियों की मदद करने, सिखाने और बेहतर बनाने की ज़िम्मेदारी दें। साथ ही एक लीडर के रूप में आवश्यकता पड़ने पर कुछ पल रुक कर या एक कदम पीछे लेकर टीम के सभी साथियों को एक प्लेटफ़ॉर्म पर लाने की योजना बनाना लाभदायक रहता है। वैसे भी कहा गया है एक महान लीडर अपने आसपास मौजूद लोगों को बेहतर बनाने की क्षमता रखता है और हर पल उसके लिए प्रयासरत रहता है।

चौथा मंत्र - प्रेरित करें
दोस्तों, आपने निश्चित तौर पर देखा होगा कि किसी भी मैच में हर खिलाड़ी, अपने साथी खिलाड़ी को बेहतर प्रदर्शन करने, अपना सर्वश्रेष्ठ देने, यहाँ तक कि अपना खोया फ़ॉर्म पाने के लिए प्रेरित करता है। ठीक उसी तरह उन ट्रेनर, कोच की तलाश करें जो आपको, आपके व्यवसाय या स्टार्टअप को बेहतर बनाने के लिए आपको और टीम को प्रेरित कर सके। साथ ही आप ऐसे उद्यमियों की तलाश भी कर सकते हैं जिन्होंने आपके सामान ही यात्रा की हो और वे अपने अनुभव व विचार को आपक और आपकी टीम के साथ साझा करके उन्हें सही रास्ता दिखा सकें, उन्हें प्रेरित कर सकें। कुछ नहीं तो आप कहानी सुनाने के लिए किसी अतिथि को आमंत्रित कर सकते हैं, यह टीम को रिफ़्रेश होने के लिए एक ब्रेक प्रदान करता है।

पाँचवाँ मंत्र - आशावान रहें
जिस तरह खेल के दौरान कभी भी उलटफेर हो सकता है ठीक उसी तरह स्टार्टअप की दुनिया भी अनिश्चितता से भरी रहती है। हालाँकि कठोर वास्तविकता यही है कि अधिकांश स्टार्टअप शुरुआती प्रयासों में ही विफल हो जाते हैं। लेकिन जिस तरह कोई भी टीम मैच के अंतिम पल तक अपनी प्रतिस्पर्धी क्षमता पर भरोसा रखते हुए, मैच का रुख़ बदलने के लिए पूरा प्रयास करती है ठीक उसी तरह अपनी टीम की क्षमताओं पर भरोसा करते हुए आशावान रहें। इसके लिए सबसे पहले किसी भी खेल की टीम की भाँति अपनी टीम के सदस्यों के आपसी तालमेल को बेहतर बनाएँ और उनमें अपनी क्षमता पर भरोसा करते हुए प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता विकसित करें। लेकिन याद रखिएगा, अपने व्यवसाय या स्टार्टअप में प्रतिस्पर्धा का माहौल खत्म मत होने दीजिएगा, अन्यथा आप प्रतिस्पर्धी से प्रतिस्पर्धा करने के बजाए अपनी टीम को सही करने के लिए संघर्ष करते नज़र आएँगे। याद रखिएगा स्टार्टअप या व्यवसाय में थोड़ी सी अनुकूल प्रतिस्पर्धा टीम के सदस्यों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रोत्साहित करती है।

आज के लिए इतना ही दोस्तों, कल हम खेल शिविर से व्यवसाय या स्टार्टअप को सफल बनाने के अंतिम दो मंत्र सीखेंगे।

-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
dreamsachieverspune@gmail.com