अलीगढ़ । नौ अप्रैल को थाना टप्पल से उड़ान सोसायटी द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन को मिले अज्ञात मानसिक दिव्यांग बालक के परिजनों का पता प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के सहयोग से चल गया है। चाइल्डलाइन के परियोजना निदेशक ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने बताया कि एक बालक जिसकी उम्र करीब 7-8 वर्ष थी टप्पल पुलिस को इंटरचेंज पर चाय की दुकान के पास अकेला खड़ा मिला था । जोकि सफ़ेद शर्ट व आर्मी कलर की लोअर व काली चप्पल पहने हुआ था ।
अगले दिन चाइल्डलाइन द्वारा बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया । जहां बालक को अस्थाई आश्रय हेतु चाइल्डलाइन की सुपुर्दगी में दे दिया गया ।जिसके उपरांत चाइल्डलाइन ने बालक के विषय में सूचना प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व् सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित प्रसारित करायी । जट्टारी के निकट खेडिया बुजुर्ग में रहने वाले बालक के रिश्तेदार भगवत सिंह ने फेसबुक पर अखबार में छपी खबर को देखा। इसके उपरांत यह सूचना बालक के पिता को दी। बालक के पिता राजेंद्र ने खबर में दिए गए नंबर पर ज्ञानेंद्र मिश्रा से संपर्क स्थापित किया। चाइल्डलाइन टीम द्वारा बालक को विडियोकॉल के माध्यम से परिजनों को दिखाकर पहचान करायी गयी। इसके उपरांत पिता अन्य परिजनों के साथ चाइल्डलाइन के कार्यालय पर आये।राजेंद्र ने बताया कि वह पलवल थाना क्षेत्र में पिगोड़ में रहकर चिनाई का काम करते हैं। उनकी व् उनके भाई महेंद्र की शादी थाना सुरीर अंतर्गत सुल्तानपुर गाँव में हुई है। ताऊ महेंद्र ससुराल में ही रहते हैं । बालक कुलदीप अपनी नानी के घर गया हुआ था । गत छः अप्रैल को कुलदीप ताऊ महेंद्र को खेत पर खाना देने गया, लेकिन वापस घर नहीं पहुंचा । जिसके उपरांत परिजनों ने कुलदीप को आसपास के सभी स्थानों पर खोजा, लेकिन बालक का कोई सुराग नहीं लगा। उधर कुलदीप की माँ व् बुआ का रो रो कर बुरा हाल था। परिजनों ने कुलदीप की गुमशुदगी की सूचना अगले दिन सुरीर थाने में तहरीर के माध्यम से भी दे दी ।  कुलदीप नौ अप्रैल को थाना टप्पल अन्तर्गत इंटरचेंज से चाय की दुकान पर लावारिस खड़ा हुआ मिला जिसे पुलिस ने जीडी अंकित कर चाइल्डलाइन की सुपुर्दगी में दे दिया गया । तबसे बालक बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार चाइल्डलाइन में ही रह रहा था। बाल कल्याण समिति ने कुलदीप को अपने परिजनों के सुपुर्द कर दिया है द्य कुलदीप के मिलने पर उसके परिजनों ने मीडिया व् चाइल्डलाइन के प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की।