फिर भी ज़िंदगी हसीन है…


आईए दोस्तों आज के लेख की शुरुआत एक किस्से से करते हैं जो मुझसे एक परिचित ने व्हाट्सएप पर साझा किया था। एयर कमांडर विशाल फाइटर जेट विमान से सामान्य उड़ान पर थे कि तभी उनका विमान एक मिसाइल हमले की चपेट में आकर नष्ट हो गया। लेकिन सही समय पर इमरजेंसी एग्ज़िट लेकर वे पैराशूट की सहायता से धरती पर सुरक्षित उतर गए। साहसिक और समय पर लिए गए निर्णय की वजह से उन्हें कई लोगों से प्रशंसा और सराहना मिली।

घटना के 5 वर्ष बाद एयर कमांडर विशाल अपनी पत्नी के साथ एक रेस्टोरेंट में डिनर पर गए। वहाँ घटी एक घटना ने उनका जीवन हमेशा के लिए बदल दिया। असल में रेस्टोरेंट में उनकी नज़दीक की टेबल पर भोजन कर रहे एक सज्जन उनके पास आए और अभिवादन करने के पश्चात बोले, ‘सर, आप कैप्टन विशाल हैं ना, जो फ़ाइटर जेट उड़ाते हैं?’ कैप्टन विशाल ने हाँ में सिर  हिलाया। उन सज्जन ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘सर, एक बार आपका विमान मिसाइल की चपेट में आ गया था और समय पर इमरजेंसी एग्ज़िट लेकर आप बच गए थे।’ कैप्टन विशाल ने विस्मय के साथ कहा, ‘आपको यह सब कैसे पता है?’ वह व्यक्ति एकदम शांत स्वर में मुस्कुराते हुए बोला, ‘सर, उस दिन आपका पैराशूट मैंने पैक किया था।’

कैप्टन विशाल की स्थिति ‘काटो तो खून नहीं समान’ थी। उनका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था और मन उस पैराशूट पैक करने वाले व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता से भरा हुआ था। उस रात कैप्टन विशाल ठीक से सो भी नहीं पाए, उनके मन में सिर्फ़ एक ही विचार बार-बार आ रहा था, ‘मेरी जान उस व्यक्ति के बेहतरीन काम की वजह से बची है, जिस पर मैंने कभी ध्यान नहीं दिया। मुझे अपना पद इतना बड़ा लगता था कि मैंने कार्यालय में कभी उसका अभिवादन करना भी ज़रूरी नहीं समझा। उसका हाल-चाल जानने का भी कभी प्रयास नहीं करा।

दोस्तों, यह क़िस्सा पढ़ते वक्त मुझे अहसास हुआ कि हमारे जीवन में भी उस व्यक्ति के सामान कई पैराशूट पैक करने वाले होते हैं। लेकिन अक्सर हम अपनी दैनिक चुनौतियों अथवा कम्फ़र्ट की वजह से पहचान नहीं पाते। हमें एहसास ही नहीं होता कि जिस शुभचिंतक की वजह से हम अपने जीवन में भावनात्मक, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं हम उससे सामान्य व्यवहार भी नहीं कर पा रहे हैं। 

ईश्वर का वरदान, यह पैराशूट पैक करने वाले लोग हमारे जीवन में किसी भी रूप में आ सकते हैं। जैसे, घर या कार्यालय के सहायक, ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड, कचरा इकट्ठा करने आने वाला व्यक्ति, झाड़ू-पोछा करने वाली महिला, परिचित, मित्र, रिश्तेदार, पड़ोसी आदि। इस सूची में दोस्तों हर वो व्यक्ति आएगा जिसने आपकी किसी ना किसी रूप में मदद करी हो। 

आइए दोस्तों आज से अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाते हैं और रोज़ दिन खत्म होने से पूर्व पहचानने का प्रयास करते हैं कि आज किन लोगों ने हमारा पैराशूट पैक किया था, जिससे हम उनका आभार व्यक्त कर सकें। हो सकता है जिस वक्त आप आभार व्यक्त करना चाह रहे हैं, वो व्यक्ति वहाँ उपलब्ध ना हो। लेकिन आप अपनी आँखें बंदकर उनका ध्यान करके या किसी विशेष अवसर पर फूल, कार्ड अथवा कोई अन्य उपहार देकर या जीवन में मिलने वाले, किसी मोड़ पर टकराने वाले लोगों की अकारण मदद करके भी यह कार्य कर सकते है।

दोस्तों, आभारी रहना असल में आपके स्वयं के जीवन को ही बेहतर बनाता है। आईए आज हम आभारी रहने के 5 प्रमुख फ़ायदों को समझने का प्रयास करते हैं-

1) कृतज्ञता हमारे जीवन से तनाव, दबाव आदि जैसे नकारात्मक भाव को दूर कर ख़ुशी और सकारात्मकता को बढ़ाता है।
2) कृतज्ञता हमारे फ़ोकस को ‘क्या नहीं मिला’ या ‘क्या अच्छा नहीं हुआ’ से हटाकर जीवन में क्या-क्या अच्छा हुआ पर ले आती है अर्थात् हमारे जीवन में आशा जगाती है।
3) आभारी रहना आपको भावनात्मक रूप से मज़बूत बनाता है।
4) कृतज्ञता आपकी नींद की क्वालिटी को बेहतर बनाती है।
5) कृतज्ञता का भाव हमें हर चीज़ में सुंदरता या अच्छाई देखना सिखाता है और साथ ही हमारे अंदर धैर्य बढ़ाकर शांत रहने में मदद करता है। 

दोस्तों इसका अधिकतम लाभ लेने के लिए आप कृतज्ञता की डायरी अर्थात् ग्रैटिटूड बुक भी बना सकते हैं जिसमें आप रोज़ सोने से पहले उन लोगों के नाम और घटनाएँ लिख सकते हैं जिसके लिए आप आभार व्यक्त करना चाहते हैं। 

-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर 
dreamsachieverspune@gmail.com