फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
 

दोस्तों, किसी भी व्यक्ति, परिवार, संस्था अथवा देश को सुचारु रूप से चलाने के लिए हमें कुछ नियमों, क़ायदे, क़ानूनों की ज़रूरत होती है और अगर यह लिखित हों तो उसका पालन करना और कराना बहुत आसान हो जाता है। ठीक इसी तरह हमारे देश को सुचारु रूप से चलाने के लिए बनाए गए संविधान, जिसमें हमारे मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के साथ-साथ सभी क़ानूनों का उल्लेख है, साथ ही इसमें लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के तहत हमारे देश भारत को, पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था, के 73वें स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

15 अगस्त 1947 को आज़ाद होने के 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था। हमारे संविधान को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में संविधान पीठ द्वारा बनाया गया था।

दोस्तों सोचकर देखिएगा जब कुछ नियम, क़ायदे, क़ानून देश को सही दिशा देकर सुचारु रूप से चला सकते हैं, तो निश्चित तौर पर ऐसे ही कुछ नियमों की सहायता से हम अपने जीवन, अपने परिवार, अपने सपनों, अपने प्रोफ़ेशन, अपनी संस्था को भी सही दिशा देकर, बेहतर बना सकते हैं और उसे अच्छे से चला सकते हैं। चलिए इसे मैं आपको उज्जैन शहर के एक उदाहरण से समझाने का प्रयास करता हूँ-

दोस्तों, अक्सर हम सभी अपनी परम्पराओं, धर्म, बोली, भाषा, संस्कृति आदि को सहेजने, बचाने और आने वाली पीढ़ी को उसकी विरासत सौंपने के लिए प्रयासरत रहते हैं। ऐसे ही विचार उज्जैन के एक समूह के मन में भी थे। वे धार्मिक महत्व और भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन, जो मंगल देवता का जन्मस्थान भी है और साथ ही जहाँ से मोक्षदायिनी क्षिप्रा मैया गुजरती है, जिसके किनारे पर हर बारह वर्षों में कुंभ या सिंहस्थ का मेला सजता है, के इतिहास और परम्पराओं को सहेज कर उसे युवाओं तक पहुँचाना चाहते थे क्यूँकि उन्हें लगता था कि ऐतिहासिक महत्व की इस नगरी का गौरवशाली इतिहास, परम्पराओं, बोलियों आदि को सहेज कर उसका डॉक्युमेंटेशन कर अगर युवाओं को पहुँचा दिया जाए तो उन्हें अपनी संस्कृति और अपने शहर पर गर्व होगा। अपने उद्देश्य को पूरा करने और उसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए उन्होंने योजना बनाकर 26 जनवरी 2019 को उज्जैन के पहले कम्यूनिटी रेडियो स्टेशन, रेडियो दस्तक की शुरुआत की। स्थापना के बाद तीन वर्षों में अपनी उत्कृष्ट कार्य योजना के आधार पर रेडियो दस्तक ने अपने कार्यक्रमों जैसे एक हस्ती से मुलाक़ात, हमारी धरोहर, शानें उज्जैन, सितारे उज्जैन आदि के माध्यम से सफलता पूर्वक अपने उद्देश्य की पूर्ति करी।

ठीक इसी तरह दोस्तों अगर आप अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो निम्न 10 कार्यों को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएँ-

1) किसी बड़े विचार को अपने उद्देश्य में बदलें।
2) उद्देश्य को पूरा करने के लिए समय सीमा तय करें। जैसे ही हम अपने उद्देश्य को समय सीमा से बांध देते हैं वह हमारे लिए लक्ष्य बन जाता है।
3) अपने लक्ष्य को पाने के लिए विस्तारपूर्वक योजना बनाएँ। अपनी योजना के आधार पर उद्देश्य पूर्ति के लिए आवश्यक संसाधनों की सूची बनाएँ।
4) उपरोक्त संसाधनों की उपलब्धता, उसके लिए आवश्यक अन्य सभी चीजों जैसे पूँजी, स्थान आदि की व्यवस्था के आधार पर अपनी योजना की समीक्षा करें और अगर आपको आवश्यकता लगती हो तो समय सीमा, योजना में आवश्यक परिवर्तन कर, उसे लॉक कर दें।
5) अपनी अंतिम अर्थात् फ़ाइनल योजना के आधार पर संसाधन जुटाएँ।
6) ट्रायल रन कर अपनी कार्यशैली और योजना की ख़ामियों को दूर करें।
7) अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए जी जान से जुट जाएँ अर्थात् पूर्ण मेहनत के साथ अपनी योजना पर कार्य करना शुरू कर दें।
8) निश्चित अंतराल पर लक्ष्य प्राप्ति के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करें और अगर आपको लगता है कि आपको आशा के अनुरूप परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं तो अपनी ग़लतियों को पहचानकर एक बार फिर योजना में बदलाव करें।
9) बदली हुई योजना के अनुरूप कदम उठाएँ और रास्ते में मिलने वाली छोटी-छोटी सफलताओं का जश्न मनाकर खुद को प्रोत्साहित करें।
10) सभी सहयोगियों एवं ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहते हुए धन्यवाद दें और सफलता का जश्न मनाएँ।

दोस्तों, इस विश्वास के साथ कि इस गणतंत्र दिवस पर आप अपना स्वयं का संविधान उपरोक्त 10 सूत्रों पर बनाकर अपने जीवन को बेहतर बनाएँगे, अपने सपनों को सच करेंगे। एक बार फिर आप सभी को 73वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
dreamsachieverspune@gmail.com