भोपाल। पशुओं के जानलेवा रोग से बचाव के लिए मध्यप्रदेश को केंद्र सरकार  से 14 लाख गोट पाक्स वैक्सीन मिल गई है। वैक्सीन मिलने के बाद प्रदेश में पशुओं का टीकाकरण प्रारंभ हो गया है। पशुपालन विभाग ने इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन को केंद्रबिंदु मानकर टीकाकरण भी शुरू कर दिया है। 33 लाख (80 प्रतिशत ) पशुओं को टीका लगाया जाना है। इसके लिए पशु चिकित्सकों को वर्चुअल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि टीकाकरण में देरी न हो। वहीं पशुपालन संचालनालय से साफ कर दिया है कि अभी तक भैंस वंशीय पशुओं पर इस रोग के लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। इसलिए पशुपालक घबराएं नहीं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 35 लाख से अधिक गोवंशी पशु हैं और 14 लाख टीके मिलने के बाद इतने ही की और जरूरत है, जो बाद में मिलेंगे।मैदानी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित गांव और उसके चारों तरफ प्राथमिकता से टीकाकरण कराएं। वहीं केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए निगरानी भी करें। तैयारी के अनुसार इंदौर केंद्र बिंदु में पांच लाख 34 हजार 762, भोपाल में तीन लाख 45 हजार 690, ग्वालियर में दो लाख 87 हजार 68 और उज्जैन केंद्र बिंदु में शामिल जिलों को दो लाख 32 हजार 480 टीके पहुंचा दिए गए हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश में लगातार टीकाकरण चल रहा है। जिलों में पदस्थ संयुक्त संचालकों और उप संचालकों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि लंपी से मृत पशु को गांव या शहर के बाहर स्थानीय प्रशासन की मदद से गढ्ढा खोदकर चूना और नमक के साथ दफनाया जाए। मृत पशु का शरीर खुले में बिल्कुल न रहने दें अन्यथा कुत्ते, कौआ, मच्छर, मक्खी बीमारी के संवाहक बन सकते हैं। इस बारे में पशुपालन एवं डेयरी संचालक डा. आरके मेहिया का कहना है कि केंद्र से 14 लाख टीके मिले हैं। संबंधित जिलों को टीके भेज दिए हैं और व्यापाक स्तर पर टीकाकरण भी शुरू हो गया है। अभी भैंस वंशीय पशुओं पर बीमारी के लक्षण नहीं हैं। इसलिए डर की बात नहीं है, पर मृत पशु को दफनाएं और उसमें भी सावधानी बरतें।