टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने आइपीएस जी संपत कुमार के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। धौनी ने आइपीएस अधिकारी संपत कुमार पर वकील के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर कार्रवाई करने की मांग की है। ये मामला साल 2013 के आइपीएल में हुए मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने इस सुनवाई को स्वीकार कर लिया है और अब इसकी सुनवाई मंगलवार से होगी।

एस एस धौनी ने तर्क दिया है कि आइपीएल अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट और मद्रास उच्च न्यायालय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की जो न्यायिक प्रणाली में आम आदमी के विश्वास को झकझोरने में सक्षम है और ये एक अपराध है। संपत कुमार ने कथित तौर पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति मुद्गल समिति (2013 आइपीएल में मैच फिक्सिंग की स्वतंत्र जांच के लिए गठित) की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सीलबंद लिफाफे में रखने का फैसला किया और विशेष जांच दल को इसे उपलब्ध नहीं कराया।

एस एस धौनी ने कहा कि संपत ने आरोप लगाया कि सीलबंद कवर प्रदान नहीं करने में सुप्रीम कोर्ट का "एक मकसद" है। यह भी आरोप लगाया गया कि संपत ने मद्रास उच्च न्यायालय का अनादर किया और उसे बदनाम किया साथ ही महाधिवक्ता के कार्यालय और मद्रास उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकीलों के खिलाफ भी आरोप लगाए।अब आपराधिक अवमानना की कार्यवाही हेतु महाधिवक्ता के कार्यालय से आवश्यक सहमति प्राप्त करने के बाद अदालत की अवमानना अधिनियम 1975 की धारा 15 के तहत अधिकारी को दंडित करने और न्याय के हित में ऐसे अन्य आदेशों के तहत वर्तमान आवेदन दायर किया गया है।

आपको बता दें कि आइपीएल 2013 में स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी से जुड़ा मामला सामने आया था। इस केस को संपत कुमार लीड कर रहे थे और उन्होंने धौनी पर भी टिप्पणी की थी। जिसके बाद धौनी ने कहा था कि आइपीएस अधिकारी संपत कुमार मेरे ऊपर स्पाट फिक्सिंग को लेकर मेरी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि वह मेरे खिलाफ झूठी खबरें और गलत बयान दे रहे हैं साथ ही उन्होंने हर्जाने के तौर पर कोर्ट से इसके लिए 100 करोड़ रुपए की मांग भी की थी।