उज्जैन- 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा में पर्याप्त पानी नहीं था। श्रद्धालुओं को कीचड़ मिले पानी में स्नान करना पड़ा। इस लापरवाही का खामियाजा संभागायुक्त और कलेक्टर को भुगतना पड़ा था। नए अफसरों ने इस सख्ती से सबक लेते हुए आठ दिन में शिप्रा और घाटों की तस्वीर बदल दी। यहां मकर संक्रांति का स्नान 15 जनवरी को है, लेकिन इससे पहले ही रविवार को सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी गईं। यहां नदी में साफ और पर्याप्त पानी, फव्वारे, लाइटिंग, साफ-सफाई ने ढाई साल पहले हुए सिंहस्थ-2016 की याद ताजा कर दी।