मध्यप्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. प्रदेश के महानगरों को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. ऐसे में कांग्रेस के पास सीएम कमलनाथ एकलौता ऐसा चेहरा हैं, जिनके दम पर वह बीजेपी के किले को भेदना चाहती है. गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों के नतीजे और कम समय में सरकार के निर्णायक फैसले को भी कांग्रेस इस चुनाव में भुनाने की कोशिश कर रही है. प्रदेश के चार महानगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में जीत का मिथक तोड़ने के लिए पार्टी हाईकमान ने सीएम कमलनाथ पर भरोसा जताया है. कहा जा रहा है कि पार्टी कमलनाथ का चेहरा आगे कर प्रत्याशियों को पार्टी मैदान में उतारेगी. कांग्रेस को लगता है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे और पिछले दो महीनों में कमलनाथ सरकार के निर्णयों का लाभ लोकसभा चुनावों में मिलेगा...