Wednesday, November 27th, 2024

बद से बदतर होते जा रहे हैं पाकिस्तान के हालात ||Pakistan's situation is getting worse

कर्ज में डूबे और गिरती अर्थव्यवस्था की मार झेल रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और झटका लगा है. अब ख़बर है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ से मिलने वाले राहत पैकेज में देरी हो सकती है.पाकिस्तान अंतररराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 8 अरब अमेरिकी डॉलर की मांग कर रहा है, ताकि वह खुद को भुगतान संतुलन की गंभीर स्थिति से बचा सके जो कि देश की अर्थव्यवस्था को मुश्किल में डाल सकता है. चीन की मदद से पाकिस्तान को अब तक चालू वित्त वर्ष यानी कि 2019-2020 के दौरान मित्र देशों से वित्तीय सहायता पैकेजों में कुल 9.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर मिले हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी सामने आई है कि वैश्विक ऋणदाता सीपीईसी परियोजना पर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए दबाव डाल रहे हैं और इस्लामाबाद से लिखित में गारंटी चाहते हैं कि उसकी तरफ से दी जाने वाली सहायता का इस्तेमाल चीन का कर्ज चुकाने के लिए नहीं किया जाएगा. पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने इससे पहले इसी महीने कहा था कि IMF का एक दल विश्व बैंक के साथ ग्रीष्मकालीन बैठक के तुरंत बाद यहां आने वाला है. उन्होंने कहा था कि अप्रैल महीने के अंत तक राहत पैकेज पर हस्ताक्षर हो जाएंगे. सूत्रों ने बताया, 'अब IMF का दल अप्रैल के बजाय मई में यहां आ सकता है. पाकिस्तान के अखबार डॉन ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि राहत पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए यहां आने वाले आईएमएफ दल के आने की योजना टल सकती है. दोनों पक्ष अनुबंध की अंतिम शर्तों पर चर्चा कर रहे हैं.

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