राजस्थान विधानसभा चुनाव में 13 सीटें ऐसी रहीं, जहां नोटा ने नतीजों को काफी हद तक प्रभावित किया। इन सीटों पर नोटा के वोट हार-जीत के अंतर से अधिक रहा। अगर नोटा को चुनने वालों ने किसी प्रत्याशी को चुना होता तो परिणाम बदल सकते थे। कई सीटें तो ऐसी रहीं, जहां जीतने-हारने वाले उम्मीदवार के वोटों में महज 300 से 400 वोटों का अंतर रहा। जबकि नोटा पर पड़े वोट की संख्या 700 से एक हजार मतों तक थी।

हवामहल में रोचक मुकाबला

जयपुर की हवामहल सीट भाजपा के संत बालमुकुंदाचार्य ने 974 मतों से जीती। 19 राउंड की मतगणना में 18वें राउंड तक वह कांग्रेस प्रत्याशी से पीछे रहे। समर्थकों ने भी आस छोड़ दी थी, मगर अंतिम राउंड में उन्हें बढ़त मिल गई। इस सीट पर नोटा पर 1463 मत पड़े। जहाजपुर में कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर 580 वोट से हारे, जबकि यहां नोटा को 2542 वोट पड़े। कोटपुतली में मंत्री राजेंद्र यादव की हार का अंतर महज 321 था, जबकि 1344 वोट नोटा को मिले।