बिलासपुर में शासकीय व निजी ऑफिस के साथ ही अब कोरोनावायरस अस्पताल में भी पहुंच गया है। इससे अस्पताल स्टॉफ के साथ ही मरीज भी सकते में आ गए हैं। शनिवार को अपोलो अस्पताल में कोरोना ने एक साथ 31 लोगों को चपेट में लिया। इधर, 24 घंटे के भीतर 369 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। कोरोना के कम्यूनिटी स्प्रेड का असर अब बच्चों में देखने को मिल रहा है। एक ही दिन में जहां 40 बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं। वहीं, संक्रमित बच्चों की संख्या 100 के करीब हो गई है।

जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार डेढ़ से दो गुना दर से बढ़ने लगी है। स्थिति यह है कि कोरोना से नियंत्रण स्वास्थ्य विभाग से बाहर हो गया है। इससे सर्वाधिक चिंता अब बच्चों की होने लगी है। क्योंकि, अभी 15 साल से ऊपर के बच्चों को वैक्सीन लग रहा है। इससे कम उम्र के बच्चों को संक्रमण से बचाना चुनौती है। कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बता रहे हैं कि रोज नवजात शिशु से लेकर 17 साल के बच्चे संक्रमण के शिकार हो रहे हैं।

कोरोना वायरस का यह वैरिएंट खतरनाक रूप लेकर आया है। पहली व दूसरी लहर में कोरोना वायरस बच्चों की पहुंच से दूर था। लेकिन, यह वैरिएंट बच्चों को चपेट में ले रहा है। यही वजह है कि परिवार के एक सदस्य के संक्रमित होने पर सभी सदस्य इसके संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। लगातार संक्रमित बच्चों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने चिल्ड्रन वार्ड को कोरोना वार्ड बनाया है और उपचार की तैयारी भी शुरू कर दी है।

237 दिन बाद आंकड़ा 350 के पार- कोरोना के दूसरी लहर में मार्च, अप्रैल व मई में ज्यादा संक्रमित मिलने लगे थे तब मरीजों की स्थिति ज्यादा गंभीर थी। इस बार तीसरी लहर में जनवरी में ही कोरोना का आंकड़ा भयभीत करने लगा है। जिले में 237 दिन बाद कोरोना का आंकड़ा 350 के पार हो गया है। बताया जा रहा है कि आखिरी बार 15 मई को 373 संक्रमित पाए गए थे। तब कोरोना की दूसरी लहर कम होने लगी थी। नए मरीजों की पहचान होने के बाद जनवरी में ही 1700 से एक्टिव केस हो गए हैं। वहीं कुल संक्रमितों की संख्या 67 हजार 18 पर पहुंच गई है।

अपोलो में 99 की जांच में मिले 31 केस- अपोलो हॉस्पिटल में शनिवार को रैपिड एंटीजन और ट्रूनेट मिलाकर कुल 99 लोगों की जांच की गई। दोनों जांच में 31 लोग संक्रमित पाए गए। इनमें डॉक्टर और कर्मचारी के अलावा अन्य लोग शामिल हैं। अपोलो के स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित मिलने के बाद संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की भी जांच कराई जाएगी।