भोपाल । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जजों के कुल 53 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में 22 पद खाली पड़े हुए हैं। 6 माह के अंदर 6 जज सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वहीं जज अतुल श्रीधरन को स्थानांतरण में जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट में भेजा जा रहा है। जिसके कारण मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जजों की संख्या काफी कम हो जाएगी। 
 15 फरवरी 2022 को आखिरी बार जजों की नियुक्ति हुई थी। 1 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी मध्यप्रदेश में नए जजों की कोई नियुक्ति नहीं हुई है। जिसके कारण रिक्त पदों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। 
 हाई कोर्ट के जो जज सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनमें जस्टिस वीरेंद्र सिंह 14 अप्रैल को,जस्टिस अंजलि पालो 18 मई को, जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा 30 जून को,जस्टिस अरुण कुमार शर्मा 28 जुलाई को, जस्टिस नंदिता दुबे 16 सितंबर को और जस्टिस दीपक कुमार 20 सितंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। 
 हाईकोर्ट में लंबित केसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जबलपुर हाईकोर्ट में 99862 फौजदारी और 160226 सिविल मामले लंबित हैं। इंदौर खंडपीठ में 36959 फौजदारी और 58629 सिविल मामले लंबित हैं। ग्वालियर खंडपीठ में 30,259 फौजदारी तथा 49170 सिविल मामले लंबित हैं। हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत पदों को यदि जल्द नहीं भरा गया, तो आगे चलकर लंबित मामलों की संख्या और भी तेजी के साथ बढ़ेगी। लोगों को न्याय मिलना बड़ा कठिन होगा।