दीवाली के बाद अब लोग छठ पूजा की तैयारी में जुट गए हैं। शहर में खास तौर पर उत्तरप्रदेश और बिहार से जुड़े वे परिवार, जो हर साल इस पर्व का बड़े ही उत्साह से मनाते हैं। दरअसल छठ पूजा की शुरुआत दो दिन पहले चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से होती है। इसके बाद पंचमी को लोहंडा और षष्ठी को छठ पूजा होती है, जिसमें सूर्य देव को शाम का अघ्र्य अर्पित होगा। इस साल छठ पूजा २८ अक्टूबर शुक्रवार को मनाई जाएगी। छठ पूजा सूर्य देव की आराधना तथा संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए मनाई जाती है। इस त्योहार को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जहां छठ पूजा का व्रत २८ तारीख से नहाय खाय के दिन शुरू होगा। इसके बाद इसे छठ पूजा के दिन सूर्याेदय अघ्र्य के बाद खोला जाएगा। तिथि के अनुसार छठ पूजा ४ दिनों की होती है, जिसमें बहुत कुछ होता है। व्रत रखने वाले जल स्रोतों और नदियों के घाटों में रतजगा भी करेंगे।
महाराजपुर निवासी श्रद्धा सिंह का कहना है कि छठ पूजा की शुरुआत चतुर्थी तिथि से होती है। ये छठ पूजा सबसे पहला दिन होता है। इस दिन नहाय खाय होता है। इस साल नहाय खाय २८ अक्टूबर के दिन शुक्रवार को पड़ेगा, जहां इस दिन सूर्याेदय सुबह ६.४६ बजे और सूर्याेस्त शाम को ५.२७ पर होगा।
लोहंडा और खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। ये कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है। इस वर्ष लोहंडा और खरना २९ अक्टूबर दिन शनिवार को है। इस दिन सूर्याेदय सुबह ६.४५ बजे होगा और सूर्याेस्त शाम को ५.२६ पर होगा।
छठ पूजा का मुख्य दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है। इस दिन छठ पूजा होती है। इस दिन शाम को अघ्र्य  सूर्य को दिया जाता है। इस वर्ष छठ पूजा ३० अक्टूबर को है। सूर्यादय ६.४८ बजे पर होगा और सूर्याेस्त ५.२६ बजे होना है। छठ पूजा के लिए षष्ठी तिथि का प्रारंभ ३० अक्टूबर को रात ९.५९ बजे से हो रहा है, जो २० नवंबर को रात ९.२९ बजे तक है। इस साल पंचमी, षष्ठी एक साथ होने पर छठ पूजा ३० अक्टूबर को होगी।