गो फर्स्ट के पायलटों पर डोरे डाल रही एयर इंडिया
मुंबई । गो फर्स्ट पर संकट आने के साथ ही उनके पायालटों पर प्रतिस्पर्धी कंपनियां डोरे डालने लगी है। टाटा ग्रुप की कंपनी एयर इंडिया ने गुरुवार को बाकायदा अनुभवी पायलटों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी निकाल दिया। वैसे भी गो फर्स्ट का ऑपरेशन बंद होने के बाद इसके सैकड़ों पायलट और अन्य कर्मचारी सकते में हैं। उनके बीच दहशत का माहौल है। एविएशन सेक्टर के जानकार बताते हैं कि उन्होंने नई नौकरी ढूंढना शुरू कर दिया है।
टाटा ग्रुप की कंपनी एयर इंडिया ने गुरुवार को अनुभवी पायलटों की भर्ती की घोषणा कर दी। फिलहाल कैप्टन और को पायलटों की भर्ती निकाली गई है। कैप्टनों से से ट्रेनर्स को लिए जाएंगे। कंपनी ने इसतरह के पायलटों की भर्ती निकाली है जो पहले से ही एयरबस के ए320 विमान उड़ा रहे थे।
एयर इंडिया अपने बेड़े और नेटवर्क का विस्तार कर रही है। इसलिए वह कैप्टन और ट्रेनर्स सहित 1,000 से अधिक पायलटों की भर्ती का खाका खींचा है। एयरलाइन के पास फिलहाल 1,800 से अधिक पायलट हैं और उसने बोइंग और एयरबस को 470 विमानों के ऑर्डर दिए हैं। एयर इंडिया की ओर से एयरबस को दिए गए नवीनतम ऑर्डर में 210 ए320/321 नियो/एक्सएलआर और 40 ए350-900/1000 विमान शामिल हैं। बोइंग फर्म ऑर्डर में 190 737-मैक्स, 20 बोईंग 787 और 10 बोईंस 777 शामिल हैं।
गो फर्स्ट ने तीन मई से तीन दिन के लिए अपनी सभी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी हैं। इसके साथ ही कंपनी ने एनसीएलटी के समक्ष दायर अपनी याचिका में एयरलाइन ने विमान पट्टेदारों को कोई भी वसूली कार्रवाई करने से रोकने के साथ-साथ डीजीसीए और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को जबरिया कार्रवाई से रोकने की अपील की है। अपील में यह भी कहा गया है कि डीजीसीए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और निजी हवाई अड्डा परिचालक को एयरलाइन को आवंटित प्रस्थान और पार्किंग स्लॉट को रद्द नहीं करें। एयरलाइन यह भी चाहती है कि ईंधन आपूर्तिकर्ता विमान परिचालन के लिए आपूर्ति जारी रखें।