जिले में रह-रहकर डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। मौजूदा स्थिति में मिले मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सोमवार को चार नए मरीज मिलने की पुष्टि की गई है। अब तक 43 मरीज मिल चुके हैं।

हालात को देखते हुए अलर्ट जारी कर नियंत्रण कार्य तेज कर दिया गया है। वहीं अब सामने आते हुए मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। इस साल जनवरी से जुलाई तक 19 मरीज मिले थे, एक तरह से स्थिति नियंत्रण में चल रहा था। अगस्त महीने से इसकी स्थिति बदली है औरमौजूदा स्थिति तक 24 मरीज मिल चुके हैं। इधर सिम्स में एक महीने के भीतर 20 मरीज ऐसे पहुंचे हैं, जिनमें डेंगू के लक्षण मिले। ऐसे में इनका सैंपल लेकर माइक्रोबायोलाजी डिपार्टमेंट भेजा जाता रहा है।

बढ़ते मामलों को देखते हुए डेंगू नियंत्रण की दिशा में काम किया जा रहा है। इससे पहले कोटा ब्लाक के डेंगू, मलेरिया के लिए चयनित 39 संवेदनशील गांव में भी डेंगू के साथ मलेरिया के मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में उस क्षेत्र में तो नियंत्रण कार्य किया गया है, लेकिन शहरी क्षेत्र अभी में नियंत्रण कार्य नहीं हो सका है। ऐसे में अब शहर के जिन जिन क्षेत्र से मरीज मिले हैं, उन क्षेत्रों में सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है।

बरसात का मौसम डेंगू व मलेरिया के लिए बेहद संवेदनशील रहता है। हर साल इस मौसम में इनके मरीज मिलते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जुलाई से लेकर नवंबर तक मरीज मिलने की आशंका प्रबल रहती है। मौजूदा स्थिति में मिले मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। जिनकी निगरानी स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है। बताया गया कि सिम्स के माइक्रोबायोलाजी डिपार्टमेंट में इस माह सैंपल जांच में डेंगू के 11 मरीज मिल चुके हैं। वहीं 16 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है।

बरते सावधानी -

घर के आसपास कचरा न होने दें, झाड़ियां उग आई हैं तो उन्हें कटवा दें।
घर में रखे टायर, कूलर आदि सामानों में पानी को भरने न दे।
डेंगू के मच्छर सुबह से शाम तक सक्रिय रहते हैं, ऐसे में इस दौरान घरों में मच्छरों का प्रवेश रोकने का उपाय करें।
बच्चों को फुलपैंट व फूल बाह की शर्ट पहनाएं।
रात में सोने के दौरान मच्छरदानी का उपयोग करें।
यदि तेज बुखार आए और शरीर में लाल चकत्ते उभरें तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।