वाराणसी में शुक्रवार एक अजीब खगोलीय घटना देखने को मिली है। सूरज के चारों तरफ एक रिंग बना हुआ दिखा। इंद्रधनुष के रंगों वाले इस रिंग को देखकर लोग हैरान हो गए। क्योंकि इससे पहले इस तरह का अद्भुत नजारा कभी देखने को नहीं मिला। सूर्य देव के चारों तरफ बने इस गोले को लेकर लोग तमाम तरह की चर्चा कर रहे हैं। वहीं वैज्ञानिक इस घटना को वाटर हालो कहते हैं।भदोही में भी शुक्रवार की दोपहर आसमान में सूर्य के आसपास एक अनोखा घेरा दिखा।जिसमें सूर्य के घेरे के एक तरफ गुलाबी व दूसरी ओर नीले रंग की आकृति नजर आ रही थी।

जिले के विभिन्न इलाकों में सूरज के चारों तरफ बनी रिंग कौतूहल का विषय बना रहा। सतरंगी रिंग पहने सूर्य को देखने के लिए लोग सड़कों पर निकल आए और अपने-अपने मोबाइल में इस नजारे को कैद करते दिखे। जिले में दोपहर 12 बजे के आसपास यह अद्भुत नजारा देखने को मिला। सीधे सूर्य की किरणों के पड़ने के कारण लोगों ने इसे देखने के लिए काले चश्मे का सहारा लिया।लोगों के बीच यह खगोलीय घटना चर्चा का विषय बना रहा। क्षेत्र के संभ्रांत लोगों का कहना था कि सूर्य की चारों ओर सतरंगी गोलाई बारिश होने का परिचायक होता है।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जो इसे शुभ और कुछ लोग अशुभ बता रहे थे। पूरे जिले में सूर्य के रिंग वाली फोटो लेकर लोग सोशल मीडिया पर लगाते नजर आएं। वहीं वैज्ञानिक इसे ‘हालो’ कहते हैं।विज्ञान के अनुसार जब वातावरण में धूल के अतिसूक्ष्म कणों की मात्रा अधिक हो जाती है तो सूरज की किरणों के टकराने पर धूल कण के संपर्क में आने वाली नमी किरणों को बिखरा कर एक इंद्रधनुष का घेरा बनाती है। इसे ‘हालो’ कहते हैं। अमूमन यह घेरा जमीन से 8 से 10 किमी ऊपर बनता है।