जयपुर। रीट लीक मामले पर विपक्ष के निशाने पर रही सरकार ने अब नकल गिरोह पर नकेल डालने के लिए एक संधोधन विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। राजस्थान सार्वजनिक भर्ती परीक्षा में अनुचित साधनों की रोकथाम से जुड़ा ये बिल 1992 के बिल का संशोधन है। नए बिल में कई ऐसे प्रावधान किए गए है जो पेपर लीक और नकल रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं। रीट पेपर लीक मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने पिछले दिनों ही नकल रोधी बिल विधानसभा में लाने का ऐलान किया था। यह नकल रोधी बिल लाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि गत दो दशकों में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, परीक्षा एजेंसी के साथ षडयन्त्र रचकर अनुचित साधनों के प्रयोग की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
  1992 के अधिनियम में भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकने के लिये पर्याप्त दण्डात्मक प्रावधान का अभाव है। वही प्रस्तावित विधेयक के उद्देश्य बताते हुए कहा गया है कि इसमें परीक्षा के आयोजन, अनाधिकृत रूप से प्रश्न पत्र प्राप्त करने, प्रक्योर करने, प्रश्न पत्र लीक करने, प्रश्न पत्र हल करने में अनाधिकृत सहायता प्राप्त करने और परीक्षार्थी को अनुचित रूप से सहायता करने आदि को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसके साथ ही अनुचित साधनों के प्रयोग, परीक्षा में अनधिकृत प्रवेश और प्रबन्धन आदि से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े व्यक्ति, समूह, संस्था आदि को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। संशोधित कानून प्रभावी, सख्त और डेजिग्नेटेड कोर्ट के माध्यम से शीघ्र सुनवाई होने से अनुचित साधनों को रोकने में निवारक का कार्य करेगा। ये हैं बिल में मुख्य प्रावधान: भर्ती में अनुचित साधनों से जुड़े इस संशोधन विधेयक में कई कड़े प्रावधान, भर्ती परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग पर परिक्षार्थियों पर गिरेजी अब गाज, अनुचित साधनों के उपयोग करने पर परीक्षार्थी को हो सकती है तीन साल के कारावास की सजा, सजा के साथ ही अभ्यर्थियों पर लगाया जा सकता है एक लाख रूपए का आर्थिक अर्थदंड, परीक्षार्थी को सार्वजनिक परीक्षा से दो साल के लिए किया जाएगा वंचित, परीक्षा एजेंसी के साथ मिलकर फ्राड करने पर परीक्षार्थी और एजेंसी पर होगी सीधी कार्रवाई, संबंधित एजेंसी के सदस्यों और इनसे जुड़े परीक्षार्थी को हो सकती है 5 से 10 साल की सजा, 10 लाख से 10 करोड़ रूपए के अर्थदंड का भी प्रावधान, अपराध से अर्जित संपति की कुर्की और जब्ती का भी नये कानून में प्रावधान।