लंदन । वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि मानव सभ्यता के इतिहास में संभवतः नरभक्षण का सबसे पुराना सबूत क्या हो सकता है। पैर की हड्डी का जीवाश्म, जिस पर कट के निशान हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि किसी पत्थर से बने औजार से मारा गया हो। जो साबित करता है कि प्राचीन मानव एक-दूसरे को मारकर उनका मांस खाते थे। 
शोधकर्ताओं ने देखा कि 1.45 मिलियन वर्ष पुरानी बाईं पिंडली की हड्डी पर नौ कटे हुए निशान मौजूद हैं, जो आधुनिक मानव पूर्वजों से संबंधित है और उत्तरी केन्या में खोजा गया था।  उन्होंने कहा, पूरे आत्मविश्वास और विशिष्टता के साथ पता चलता है कि मानव प्रजाति में में नरभक्षण का यह सबसे पुराना उदाहरण हो सकता है। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के पुरामानवविज्ञानी ब्रियाना पोबिनर केन्या के नैरोबी में एक संग्रहालय में मौजूद जीवाश्मों की जांच कर रहे थे और प्रागैतिहासिक शिकारियों से संबंधित सुराग ढूंढ रहे थे, जो मनुष्यों के प्राचीन रिश्तेदारों को खाते थे।
इस दौरान डॉ पोबिनर को जीवाश्म पर कसाई के हमले जैसे निशान मिले और फिर सैंपल की जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि दो कट के निशान किसी बड़ी बिल्ली के थे। अन्य निशान किसी कसाई द्वारा किए गए हमले के निशान के समान दिखाई दिए, जिनसे ऐसा लगता था कि मनुष्यों और उनके पूर्वजों ने उनका शिकार किया और खाया था। उन्होंने कहा कि कट उन कटों से मिलते-जुलते हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें पत्थर के औजारों से बनाया गया था। ऐसा लगता है कि इस पैर का मांस खाया गया था और इसे किसी अनुष्ठान के बजाय पोषण के लिए खाया गया था। 
हालांकि केवल कटे हुए निशान यह साबित नहीं कर पाएंगे कि मानव पूर्वजों ने एक-दूसरे को खाया था। लेकिन डॉ. पोबिनर ने कहा कि यह सबसे संभावित मुद्दा था। उन्होंने कहा कि यह खोज चौंकाने वाली, ईमानदारी से, और बहुत आश्चर्यजनक, लेकिन बहुत रोमांचक थी। बता  दें कि नरभक्षी का नाम सुनते ही हम सभी के दिमाग में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं। आज भी कई ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जहां लोग किसी को मारकर खा जाते हैं। हालांकि ऐसी घटनाएं इक्का-दुक्का ही होती हैं।