नई दिल्‍ली । भारी बा‎‎‎रिश के दौरान हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ते ही यमुना ने एक बार फ‍िर विकराल रूप धारण कर ‎लिया है। जानकारी के अनुसार दिल्‍ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फ‍िर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। यमुना का जलस्तर सोमवार सुबह 7 बजे तक 206.56 मीटर पर आ गया। खतरे को देखते हुए द‍िल्‍ली सरकार एक बार फ‍िर अलर्ट मोड में आ गई है। साथ ही निचले इलाकों और बाढ़ की चपेट में आ चुके क्षेत्र पर खास फोकस क‍िए हुए है। सरकार द्वारा बाढ़ की ‎स्थिति में कि‍सी भी तरह से हालातों से न‍िपटने के सख्‍त न‍िर्देश द‍िए गए हैं। गौरतलब है ‎क‍ि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी और मूसलधार बारिश से बैराज में पानी बढ़ गया। इसके बाद से हथिनीकुंड बैराज से फ‍िर पानी छोड़ा जा रहा है। इस पानी के छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर रव‍िवार शाम से बहुत तेजी के साथ बढ़ा है। द‍िल्‍ली सरकार के अधिकारियों का कहना है क‍ि नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से राष्ट्रीय राजधानी द‍िल्ली के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है। 
हालांक‍ि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। क्यों‎कि यमुना के जलस्‍तर में कभी कमी तो बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसके चलते अभी हालात पूरी तरह से दुरूस्‍त नहीं है। यही वजह है ‎कि निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराया हुआ है। पानी के स्‍तर के घटने के बाद से लोगों के राहत श‍िव‍िरों से घरों की तरफ लौटने की कवायद भी शुरू हुई थी। लेक‍िन अब एक बार खतरा मंडाराता नजर आ रहा है। इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से एह‎तियात बरत रहा है। गौरतलब है ‎कि गत शन‍िवार को राजस्व मंत्री आतिशी ने भी कहा था क‍ि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है। 
राजस्व मंत्री आतिशी ने आशंका जताई थी कि अगर जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंचता है, तो यमुना खादर के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं। यमुना का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से 205.33 मीटर के खतरे के निशान के आसपास है। 13 जुलाई को यह रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था। लेक‍िन अब यमुना का जलस्‍तर सोमवार सुबह 7 बजे तक 206.56 मीटर पहुंच गया है। यमुना में बढ़ते जलस्तर को लेकर नॉर्दन रेलवे के द‍िल्‍ली ड‍िव‍िजन की ओर से दिल्ली और शाहदरा के बीच ट्रेनों की सेवा को न‍िलंब‍ित रखने का फैसला क‍िया है।