कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में रामनवमी जुलूस निकालने के दौरान झड़पें हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए। घटना शक्तिपुर इलाके में उस समय हुई जब एक समूह रामनवमी जुलूस का नेतृत्व कर रहा था। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। वीडियो में लोग अपनी छतों से जुलूस पर पथराव करते दिख रहे हैं। पुलिस ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में  है और क्षेत्र में अतिरिक्त बल भेजा गया है। 
बहरामपुर के सांसद और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि मैं मालदा से झड़प में घायल हुए लोगों को देखने गया था। लेकिन वहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि हिंदुओं पर हमला हो रहा है। रंजन ने कहा कि वह मुझसे जवाब मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि विरोध करने वालों को उन लोगों से पूछना चाहिए जिन्हें जवाब देने की जरूरत है। 
कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि दंगे एक सोची समझी साजिश के तहत भड़काए जा रहे हैं और बीजेपी का विरोध यह साबित करता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से बात की है। शक्तिपुर में अतिरिक्त बल भेजे गए हैं और एसपी मौके पर मौजूद हैं। यह घटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर दंगे भड़कने की चेतावनी के कुछ दिनों बाद हुई है। उनकी टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा जिले में हिंसा और अधिकारी की कथित पर्यवेक्षण की कमी को लेकर मुर्शिदाबाद के पुलिस उप महानिरीक्षक को हटाने के बाद आई है।
बता दें ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था आज भी, सिर्फ बीजेपी के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के डीआईजी को बदल दिया गया। अब, अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं, तो जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। बीजेपी दंगे और हिंसा भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती थी। अगर एक भी दंगा होता है, तो ईसीआई जिम्मेदार होगा। इससे पहले बुधवार को ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि रामनवमी के मौके पर राज्य में दंगे भड़काने की साजिश रची जा रही है। ममता ने एक चुनावी रैली में आरोप लगाया कि वे आज दंगे में शामिल होंगे। दंगा होने की संभावना है और वे दंगा करके और वोट लूटकर चुनाव जीतेंगे। पिछले साल बंगाल में रामनवमी समारोह में भी हिंसा हुई थी, जिससे भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच बड़े पैमाने पर टकराव हुआ था।