जयपुर । महादेव ऑनलाइन ऐप के माध्यम से 800 करोड रुपए के सट्टे का कारोबार का मामला उजागर हुआ है। इस ऐप के माध्यम से ऑनलाइन सट्टे का कारोबार किया जा रहा था। वरिष्ठ जांच अधिकारी के अनुसार 70 फ़ीसदी लेनदेन नागौर के बैंक खातों से हो रहा था।
 कुनकुना थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पिछले साल 23 नवंबर को तोशीणा गांव से गिरोह के 7 लोगों को ऑनलाइन सट्टा लगाते हुए गिरफ्तार किया था। इनके पास से उस समय 62 लाख रुपए का हिसाब किताब मिला था। उस समय पुलिस इस ऐप के मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच पाई थी।
 हाल ही में छत्तीसगढ़ के भिलाई से सौरभ चंद्राकर महादेव की गिरफ्तारी के बाद महादेव ऐप के कर्ताधर्ता का पता लगा है। यह दुबई से सट्टे का कारोबार संचालित कर रहा था। ईड़ी ने इसके ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। 15 सितंबर को ईड़ी ने 39 शहरों में छापेमारी कर 417 करोड रुपए की संपत्ति जप्त की है।
 फ्रेंचाइजी नेटवर्क पर सट्टा खिलाया जा रहा था। इसमें चंद्राकर की भागीदारी 70 फ़ीसदी और 30 फ़ीसदी फ्रेंचाइजी को मिलते थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 5000 करोड रुपए से ज्यादा का कारोबार किया गया है। लेन-देन के लिए नागौर के बैंक खातों का उपयोग किया गया है।लकी गोयल इसका मुख्य सरगना बताया जा रहा है। उसने ग्रामीणों को झांसा देकर नागौर,डीडवाना, कुचामन, लाडनूं के निजी बैंकों में 700 से ज्यादा खाते खुलवाए थे।