गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में बेरोजगार लोगों से ई-क्लिनिक खोलने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि जालसाज ने पहले तो गांव के बेरोजगार युवक-युवतियों को मरीजों का इलाज करने के लिए प्रशिक्षण दिलाने की बात कहकर उसके एवज में उनसे 45 से 50 हजार रुपये की वसूली की। इतना ही नहीं ठगों ने बेरोजगारों से 13000 रुपये हर माह वेतन देने का झांसा भी दिया गया। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जानकारी के मुताबिक, ठगी का यह कारोबार नरेश हेल्थ केयर के संचालक द्वारा किया जा रहा था। संस्था के द्वारा रोजगार का झांसा देकर इलाके के युवाओं से पहले तो ट्रेनिंग के नाम पर एक व्यक्ति से 45 से 50 हजार रूपये भी वसूले। नरेश हेल्थ केयर द्वारा इन युवक-युवतियों को बताया गया था कि ट्रेनिंग के बाद वे गांव में हेल्थ केयर सेंटर ई-क्लिनिक खोलेंगे और वहां मामूली बीमारी वाले मरीजों का प्राथमिक उपचार वे कर सकेंगे। वहीं, उन्हें नरेश हेल्थ केयर के द्वारा दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई थी। उनसे कहा गया कि अगर कोई गंभीर मरीज आया तो वे उसे बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में रिफर करेंगे। इसके अलावा उन्हें ग्रामीणों को नरेश हेल्थ केयर एनएचसी का कार्ड बनाकर देना है, जिसके एवज में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इन सब के एवज में उन्हें 13 हजार रूपये हर महीने उन्हें पेमेंट के एवज में मिलेंगे। आधी-अधूरी ट्रेनिंग के बाद कई गांवों में हेल्थ केयर सेंटर खोले भी गए। पर जब मामले का खुलासा हुआ तब यवक युवतियों को पता चला कि इस तरह मरीजों का इलाज करना गैरकानूनी है। तब उन्होंने संस्था की डायरेक्टर चांदनी से संपर्क कर अपने रूपये वापस मांगे मगर उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए निर्धारित तिथि को आने को कहा गया, लेकिन युवाओं के ऑफिस में पहुचने पर ताला लगा हुआ मिला। जिसके बाद बेरोजगार युवक युवतियों को खुद के ठगे जाने का अहसास हुआ और वे लोग थाने पहुचकर मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई है और नरेश हेल्थ केयर के द्वारा प्रशिक्षण के नाम पर वसूले गए राशि को वापस दिलाने की गुहार लगाई है।