रायपुर। विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर छत्तीसगढ़ भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र बनाने को घोषणा पत्र समिति गठित कर दी है। शनिवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने समिति की गठित की है। दुर्ग के लोकसभा सदस्य विजय बघेल को समिति का संयोजक बनाया गया है। इसके अलावा सह संयोजक के रूप में पूर्व राजसभा सदस्य रामविचार नेताम, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल और विधायक शिवरतन शर्मा को नियुक्त किया गया है। नवंबर-दिसंबर में चुनाव होना है। भाजपा सत्तावापसी के लिए मशक्कत कर रही है। वर्तमान में कांग्रेस के पास 71 सीट है, जबकि भाजपा के पास 13 सीट है।

युवा, पिछड़ा वर्ग को भी जिम्मेदारी

समिति में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत और प्रदेश भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष भरत वर्मा को भी शामिल किया गया है। कुल मिलाकर भाजपा ने सभी तरह के जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश की है। प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता को भी जगह मिली है, जो कि सभी विषयों में वाद-विवाद के माध्यम से लगातार राज्य सरकार के खिलाफ हमलावर रहे हैं और नीतिगत बातों को जनता के बीच पहुंचाने में उनकी महती भूमिका रही है। समिति में महिला, युवा सभी के नेतृत्वकर्ता शामिल हैं।

ये होंगे समिति के सदस्य

सदस्यों में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री लता उसेंडी, चंद्रशेखर साहू, भैयालाल राजवाड़े, महेश गागड़ा, डा. कृष्णमूर्ति बांधी, राजा रणविजय सिंह, मधुसूदन यादव, विधायक रंजना साहू, कमलभान सिंह, कमला देवी पाटले, ओपी चौधरी, चंपा देवी पाटले, संदीप शर्मा, केदार गुप्ता, भरत वर्मा, रवि भगत, विभाग अवस्थी, डा. विजय शंकर मिश्रा, रामलखन सिंह पैकरा, पंकज झा, दीपक साहू, आत्म नारायण पटेल, श्रीरामकृष्ण धीवर, रामकुमार भट्ट, श्रीद्धारिका जायसवाल, टिकेश्वर जैन, विक्रम सिंह शामिल हैं। समिति की नियुक्ति का आदेश प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने जारी किया है।

कुर्मी समाज के प्रभावशाली नेता हैं विजय बघेल

राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो समिति के संयोजक बने भाजपा नेता विजय बघेल दुर्ग क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के मंत्रियों के प्रभाव को नियंत्रित करने में अहम भूमिका हो सकती है। दुर्ग संभाग से स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत छह मंत्री हैं। विजय इस क्षेत्र में कुर्मी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। विजय पहली बार 2000 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भिलाई नगर परिषद के लिए चुने गए थे।

उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पाटन निर्वाचन क्षेत्र से 2003 का विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन भूपेश बघेल से हार गए । फिर उन्होंने 2008 का विधानसभा चुनाव भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा और कांग्रेस के भूपेश बघेल को 7,842 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की और गृहमंत्री ननकी राम कंवर के संसदीय सचिव बने । विजय ने 2013 का विधानसभा चुनाव भूपेश बघेल के खिलाफ लड़ा लेकिन सीट बरकरार रखने में असफल रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में दुर्ग से कांग्रेस की प्रतिमा चंद्राकर के खिलाफ चुनाव लड़ा और 3,91,978 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।