दो देशों के बीच जंग से केवल स्‍थानीय जान-माल का ही नहीं, बल्कि दुनिया भर पर पड़ता है |  रूस-यूक्रेन  के बीच चल रही लड़ाई से हम भारतीयों पर भी बुरा असर पड़ रहा है |  सप्लाई चेन में रुकावट से कच्‍चे माल की किल्‍लत हो गई है |  कच्‍चा तेल, प्रमुख मेटल्‍स और कई मिनरल्‍स, खाने का तेल जैसी चीजों के दाम रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गए हैं |  रूस और यूक्रेन में हो रहे धमाकों से भारतीय शेयर बाजार  भी बुरी तरह से हिचकोले ले रहा है |  निवेशकों को अबतक लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है |

15 फरवरी के बाद से बांबे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 4,000 अंक लुढ़क चुका है और निवेशकों को 197 अरब डॉलर का चूना लगा है |  यह नुकसान कितना बड़ा है, इसे इस तरह समझिए कि पिछले साल यूक्रेन की जीडीपी जितनी थी, उससे ज्‍यादा तो नुकसान बीएसई को एक महीने से भी कम समय में हो चुका है |  2021 में यूक्रेन की जीडीपी करीब 181अरब डॉलर थी |  आंकड़ों के मुताबिक, सात मार्च को बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर करीब 242 लाख करोड़ रुपए रह गया |  11 फरवरी को यह 263 लाख करोड़ रुपए था |