जयपुर। राजस्थान में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर हो रही देरी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।सियासी जानकारों का कहना है कि मंत्री किसे बनाया जाए, किसे नहीं, इसको लेकर पेच फंसा हुई है। चर्चा है कि अमित शाह पुराने औऱ अनुभवी नेताओं को मंत्री नहीं बनाए जाने के पक्ष में हैं। जबकि पार्टी का दूसरा खेमा चाहता है कि वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी नहीं की जाए। यहीं मामला फंसा हुआ है। कुछ नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल का गठन करना चाहिए। सीएम भजनलाल शर्मा के शपथ लेने के बाद पार्टी के बड़े नेताओं का बयान भी इस संबंध में नहीं आया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत बड़े नेता चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि वसुंधरा राजे कैंप पूरी तरह से खामोश है। सियासी जानकार बड़े नेताओं के चुप्पी की अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। दूसरी तरफ मंत्रिमंडल के लिए विधायकों की लॉबिंग शुरू हो गई है। जयपुर के साथ-साथ विधायक दिल्ली तक संपर्क साध रहे हैं। 
वहीं कुछ विधायक ऐसे भी हैं, जो समर्थकों के जरिए अपनी बात पार्टी नेताओं तक पहुंचा रहे हैं। हाल ही में ब्राह्मण समाज ने कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से जीते विधायक संदीप शर्मा को मंत्री बनाने की आवाज उठाई। समाज के लिए कई लोगों ने हवन-पूजन कर संदीप को मंत्री बनाने की आवाज बुलंद की। किरोड़ी लाल मीणा को भी मंत्री बनाने की मांग की जा रही है। किरोड़ी समर्थकों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चला रखी है। आपको बता दें 3 दिसंबर को परिणाम आ गए थे। बीजेपी को विधानसभा में बहुमत मिला है। इसके बावजूद मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी हो रही है। जबकि सीएम भजनलाल शर्मा और दोनो उपमुख्यमंत्री दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर राजधानी जयपुर लौट आए हैं। 
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सीएम भजनलाल शर्मा के शपथ लेने के बाद से कोई बड़ा राजनीतिक बयान नहीं दिया है। चुप्पी के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इस बीच, पूर्व सीएम के आसास पर हलचल बढ़ने से सियासी पारा भी गर्मा गया है। राजे समर्थकों ने मुलाकात की है। माना जा रहा है कि इस बार भजनलाल कैबिनेट में राजे समर्थक विधायकों मंत्री नहीं बनाया जाएगा।बुधवार को 16वीं विधासनभा का पहला सत्र शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण के बाद देर शाम मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा दिल्ली रवाना हो गए। मुख्यमंत्री तीन दिन में दूसरी बार दिल्ली पहुंचे। सीएम दिल्ली से लौट आए है। सीएम ने पीएम मोदी और अमित शाह समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है। राजस्थान में सीएम, डिप्टी सीएम और स्पीकर के नाम की घोषणा के बाद अब सबकी निगाहें मंत्रिमंडल के विस्तार पर टिकी है। राजस्थान में विधायकों की संख्याबल के हिसाब से अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मुंख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, डिप्टी सीएम दीया कुमार और प्रेम चंद बैरवा के रूप में तीन मंत्रियों की घोषणा पहले ही हो चुकी है। ऐसे में अब 27 विधायक मंत्रिपद की रेस में शामिल हैं।