धौलपुर । इंद्रदेव को कोप राजस्थान और मध्यप्रदेश में हो मूसलाधार के रूप में बरस रहा है इसके चलते यहां की नदियां उफान पर हैं। राजस्थान के कोटा बैराज से अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण चंबल का जलस्तर काफी बढ़ गया है और यह खतरे के निशान को पार कर गई है। इस जलस्तर के मंगलवार को और बढ़ने की संभावना है। इसके चलते धौलपुर जिले के 80 से अधिक गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। चंबल नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने अधिकारियों को आवश्यक राहत और बचाव संबधी तैयारियों के साथ मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलेक्टर ने बतया कि चंबल नदी का जल स्तर मंगलवार को सुबह आठ बजे 136.40 मीटर पहुंच चुका है। यह खतरे के निशान से 6.40 मीटर ऊपर है। धौलपुर में चंबल नदी के खतरे का निशान 130.79 मीटर है। यह दोपहर तक 140 मीटर तक हो सकता है। कोटा बैराज के 16 गेट खोलकर 4 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई है। इस पानी की निकासी से चंबल नदी का जल स्तर बढ़ गया है। इससे धौलपुर समेत इसके सरमथुरा, बाड़ी और राजाखेड़ा के 80 से अधिक गांवों में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं। जलस्तर बढ़ने से सरमथुरा के झिरी इलाके के 5 गांवों का रास्ता बंद हो गया है। अभी निचले इलाके में बसे करीब 40 घरों को खाली कराया गया है। निचले इलाके में बसे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
जिला कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को बाढ़ संभावित निचले क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखते हुए वहां रहने वाले निवासियों और पशुओं को तत्काल सुरक्षित स्थल तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उनकी भोजन और अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। बाढ़ की संभावना के मद्देनजर राहत एवं बचाव के लिए एक अतिरिक्त एसडीआरएफ टीम तैनात की जा रही है। उन्होंने सभी उपखंड अधिकारियों और विकास अधिकारियों को आपातकालीन स्थिति में राहत बचाव कार्य के लिए मय आवश्यक संसाधनों के तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। इलाके के शिक्षकों, पटवारी, एएनएम, पुलिस कांस्टेबल, ग्राम विकास अधिकारी और सरपंच को 24 घंटे बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौर कर निगरानी रखने के लिए पाबंद किया गया है।