भोपाल । वर्तमान में मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। मानसून द्रोणिका भी हिमालय की तलहटी में पहुंच गई है। इस वजह से मानसून की गतिविधियां लगभग थम गई हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक हवा का रुख अभी पश्चिमी बना हुआ है। अरब सागर से आ रही नमी के कारण सोमवार को इंदौर, भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं।
उधर रविवार को भोपाल एवं नर्मदापुरम में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके विश्वकर्मा ने बताया कि वर्तमान में बिहार के आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर एक द्रोणिका मणिपुर एवं दूसरी द्रोणिका बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। मानसून द्रोणिका हिमालय की तलहटी में पहुंच गई है। पाकिस्तान और उससे लगे पंजाब के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी में आंध्रा के तट पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला का कहना है कि अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों का फिलहाल मध्य प्रदेश के मौसम पर विशेष असर नहीं पड़ रहा है। इस वजह से प्रदेश में फिलहाल मानसून की गतिविधियां शिथिल बनी हुई हैं।
हालांकि वातावरण में नमी मौजूद रहने एवं हवाओं का रुख पश्चिमी बना रहने से अरब सागर से कुछ नमी आ रही है। इस वजह से अधिकतर जिलों में आंशिक बादल बने हुए हैं। साथ ही तापमान बढऩे की स्थिति में कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ रही हैं। भोपाल को भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बौछारें पडऩे की संभावना है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो-तीन दिन तक बना रह सकता है। 15 अगस्त से पूर्वी मप्र में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है।