केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल गठन के बाद भाजपा राजस्थान में प्रदेशस्तर पर संगठन में बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है। प्रदेशाध्यक्ष पद पर बदलाव हो सकता है। पार्टी का मानना है कि वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में फिट नहीं बैठ रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ब्राह्मण हैं। जोशी भी ब्राह्मण हैं। ऐसे में जोशी को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाया जाना तय माना जा रहा है।

ओबीसी वर्ग के किसी नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार राज्यसभा सदस्य मदन राठौड़, राजेंद्र गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया एवं प्रभुलाल सैनी के नाम पर विचार किया जा रहा है। इनमें से किसी एक नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राठौड़ का संपर्क

राठौड़ घांची (ओबीसी) समाज से हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राठौड़ का संपर्क है। गहलोत व सैनी भाजपा के परंपरागत वोट बैंक माली समाज से हैं। इनमें गहलोत की छवि निर्विवाद नेता की है। वह प्रदेश की राजनीति में किसी भी तरह की गुटबाजी में नहीं हैं। सैनी को लोकसभा के पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निकट माना जाता है।

पूनिया को अध्यक्ष बनाने के लिए लॉबिंग में जुटे जाट नेता

पूनिया को अध्यक्ष बनाने को लेकर जाट समाज के नेताओं का एक वर्ग लॉबिंग में जुटा है। इन नेताओं का तर्क है कि पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर जाट समाज को साधने का प्रयास किया जा सकता है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी जाट हैं। लोकसभा चुनाव में जाट समाज ने भाजपा के स्थान पर कांग्रेस को समर्थन दिया।

प्रदेश संगठन महामंत्री का पद करीब पांच महीने से रिक्त

आईएनडीआईए गठबंधन के दो निर्वाचित सांसद भी जाट समाज से ही हैं। ऐसे में जाट नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर आगामी समय में होने वाले पंचायत चुनाव के लिहाज से जाट वोट बैंक को साधा जा सकता है। प्रदेश संगठन महामंत्री का पद करीब पांच महीने से रिक्त है। ऐसी चर्चा है कि संगठन महामंत्री पद पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)से जुड़े किसी नेता की नियुक्ति हो सकती है। पार्टी किसी एक वरिष्ठ विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष और उप मुख्य सचेतक भी बना सकती है।