भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के भव्य भवन का निर्माण हो रहा है और इसकी नींव के पत्थर संविदा कर्मचारी हैं। इन्होंने नियमित कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर और कहीं-कहीं उनसे भी अधिक कार्य किया है। कई अवसर पर जान की बाजी लगाकर दायित्व निभाया और अद्भुत कार्य कर दिखाया। कोविड के दौर में भी संविदा कर्मचारियों ने नागरिकों की जिन्दगी बचाई, जिसे मध्यप्रदेश कभी भुला नहीं पाएगा। संविदा कर्मचारियों की क्षमताएँ, सेवाभाव और कार्यकुशलता किसी से कम नहीं है। इस नाते इनके जीवन की अनिश्चितता को समाप्त करना आवश्यक है। यदि आज मध्यप्रदेश नंबर-वन है तो इसके लिये विभागों में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों ने आगे बढ़ कर कार्य किया है। ये मध्यप्रदेश के लिए दाएं-बाएं हाथ और दिल की तरह हैं। मुख्यमंत्री चौहान आज लाल परेड मैदान परिसर स्थित नेहरू स्टेडियम में संविदा कर्मचारियों के विशाल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

नियमित कर्मचारियों की तरह अनेक लाभ मिलेंगे संविदा कर्मचारियों को

सम्मेलन में मुख्यमंत्री चौहान ने संविदाकर्मियों के हित में महत्वपूर्ण घोषणाएँ की। इसमें प्रतिवर्ष सेवा के अनुबंध को समाप्त करने, नियमित कर्मचारियों की तहत अवकाश, बीमा योजना, रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी, अनुकम्पा नियुक्ति के लाभ देने और नियमित पदों पर भर्ती में 50 प्रतिशत स्थानों पर संविदा कर्मियों को आरक्षण की सुविधाएँ शामिल हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे आश्वस्त है कि संविदा कर्मचारी पहले से भी ज्यादा मेहनत और ईमानदारी से कार्य करेंगे। प्रदेश के नागरिकों की जिन्दगी बचाने, उन्हें विकास का लाभ देने, शिक्षा का प्रकाश फैलाने और जिन्दगी रोशन करने का कार्य संविदा कर्मचारियों को करना है। संविदा कर्मचारी अपने लिए नहीं, प्रदेश के लिए जी-जान से कार्य करेंगे। प्रतिवर्ष अनुबंध की व्यवस्था उचित नहीं है, इसलिए इसे समाप्त किया जा रहा है। अनेक संविदा कर्मचारियों को कार्य करते हुए 20-25 वर्ष तक हो गए हैं। इनकी जिन्दगी कठिन हो गई, रिन्यूअल का चक्कर खत्म करना आवश्यक है।
 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संविदा कर्मचारियों ने प्रदेश के विकास में अद्भुत कार्य कर दिखाया है। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरूआत संविदा कर्मचारियों की प्रशंसा में इस उक्ति से की - "जिनके काम में है दम-जो नहीं है किसी से कम - ऐसे लाखों संविदा कर्मचारियों पर हम करते हैं गर्व"। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संविदा कर्मचारियों के चेहरे की मुस्कुराहट देखकर उनकी जिन्दगी सार्थक हो गई है। पहले सरकार और कर्मचारी संघ के बीच संघर्ष होता रहता था। अब सरकार के मंत्री, संविदा कर्मचारियों का स्वागत करने आए हैं।

कर्मचारियों के कुशल दायित्व निर्वहन से मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चाहे स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट हों, लैब टेक्नीशियन हों, ए.एन.एम. हों, स्टाफ नर्स हों या विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारी, जो मध्यप्रदेश को उजाला देने का कार्य कर रहे हैं, सभी ने अपने दायित्व को बेहतर अंजाम दिया है। प्रदेश का सम्मान बढ़ाया है। ये सभी नींव के पत्थर हैं। जिस तरह मंदिर पर कलश दिखाई देता है, वे कलश जिस गुंबद पर टिका है, वह दीवारों पर टिका होता है। ये दीवारें नींव पर टिकी होती हैं। संविदा कर्मचारियों ने नियमित कर्मचारियों की तरह अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई है। प्रदेश के हित में नियमित और संविदा कर्मचारियों ने कुशलता से दायित्व निर्वहन किया है। मध्यप्रदेश इसलिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की विकास दर 16 प्रतिशत है, जो राज्यों में सर्वाधिक है। प्रति व्यक्ति आय, बजट के आकार, सड़कों का जाल बिछाने, सिंचाई साधन बढ़ाने, सीएम राइज विद्यालय प्रारंभ करने जैसे सभी क्षेत्रों में मध्यप्रदेश काफी आगे है।

प्रदेश के विकास का संकल्प लिया संविदा कर्मचारियों ने

मुख्यमंत्री चौहान ने संविदा कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाओं के पश्चात प्रदेश के विकास के लिए बेहतर कार्य करने का संकल्प भी दिलवाया। बड़ी संख्या में उपस्थित संविदा कर्मचारियों ने दोनों हाथ उठाकर संकल्प लिया और मुख्यमंत्री चौहान द्वारा की गई घोषणाओं का ताली बजाकर हर्ष ध्वनि से स्वागत किया और आभार माना।