वाशिंगटन । कोविड -19 और मंकीपॉक्स के अलावा देश में बच्चो को इंसेफेलाइटिस, डेंगू और स्वाइन फ्लू सहित कई बीमारियों का खतरा है। पुणे में बच्चों की एक बड़ी संख्या को डेंगू हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार इस महीने की शुरुआत में पुणे के बड़े अस्पतालों में डेंगू से प्रभावित रोगियों में बच्चों की एक बड़ी संख्या है। इसी तरह कर्नाटक और तेलंगाना में भी बच्चों में डेंगू के मामले सामने आए हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि असम में जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले बढ़ते देखे गए हैं। जिससे इस महीने मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। यह रोग मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। इस रोग में केस-मृत्यु दर 30फीसदी तक हो सकती है। इससे पहले जून में महाराष्ट्र में एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) के मामलों की बढ़ोतरी देखी गई। कोल्हापुर में तीन मौतों और पुणे और ठाणे में दो-दो मौतों के साथ 22 जून तक स्वाइन फ्लू के संक्रमण के 142 से अधिक मामले थे।
 5 साल से कम उम्र के बच्चों में इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है। हाल ही में केरल में टोमैटो फीवर का प्रसार देखा गया है। ये एक फ्लू है जो ज्यादातर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। पिछले सप्ताह तक कोल्लम जिले के एक छोटे से हिस्से में ये वायरस फैला है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि राज्य में अब तक टोमैटो फीवर संक्रमण के 80 मामले दर्ज किए गए हैं। मालूम हो कि अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पहले पाई जाने वाली मंकीपॉक्स बीमारी के 15,000 से अधिक मामले उन देशों में दर्ज किए गए हैं जहां पहले इस बीमारी को नहीं देखा गया। भारत में भी अब तक इसके तीन मामले सामने आए हैं।
 टोमैटो फीवर, स्वाइन फ्लू और जापानी इंसेफेलाइटिस हाल ही में बढ़े हैं और बच्चों में इन बीमारियों के होने का खतरा लगातार बना हुआ है। इसके साथ ही कोरोना के अलावा एक और संक्रामक बीमारी मंकीपॉक्स ने दुनिया भर में अपने पैर जमा लिए हैं, जिससे बच्चों में इसके प्रसार पर चिंता बढ़ गई है।अमेरिका में दो बच्चों में मंकीपॉक्स का पता चला है। हाल ही में बच्चों में मंकीपॉक्स का पता चलने के साथ उन बीमारियों की संख्या पर चिंता जताई जा रही है जो बच्चों को जोखिम में डाल रही हैं।