चीन का तीसरा विमानवाहक पोत समुद्र की ओर रवाना किया गया है। जिसका नाम फुजियान रखा गया। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एयर क्राफ्ट है। जो कि 11 सक्रिय क्राफ्ट से मिलकर बना है। पहले नंबर पर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का एयरक्राफ्ट है।चीन अपनी नौसेना की ताकत लगातार बढ़ा रहा है। इसी के तहत पनडुब्बी, युद्धक जहाज की संख्या लगातार बढ़ा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक चीन लगभग हर महीने एक नौसैनिक जहाज का निर्माण कर रहा है। साथ ही चीन पाकिस्तान की नौसेना को भी मजबूत करने के लिए उसे युद्धक जहाज और पनडुब्बियां दे रहा है। चीन ने अपने सबसे उन्नत और तीसरे विमानवाहक पोत फुजियान का समुद्री परीक्षण किया है। फुजियान के चीनी सेना में शामिल होने के बाद ड्रैगन की ताकत काफी ज्यादा बढ़ी है। सिंगापुर के एस राजरत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज के सीनियर फेलो कोलिन कोह ने बताया कि पिछली रिपोर्ट प्रमाणित नहीं है। 

चीन शायद छह या आठ वाहक बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि जब तक पीएलएएन वाहक संचालन के साथ परिपक्वता के स्तर तक नहीं पहुंच जाता तब तक मुश्किल है। यह अभी अमेरिकी नौसेना की तुलना में ज्यादा तैयार नहीं है। इसका लक्ष्य 6 वाहक हो सकता है।बता दें कि फुजियान का निर्माण शंघाई शहर के पास यांग्त्जी नदी के किनारे चांगक्सिंग द्वीप पर चीन राज्य जहाज निर्माण निगम की सरकारी कंपनी जियांगन शिपयार्ड ने किया। इसका निर्माण मार्च 2017 में शुरु हुआ। जहाज को 17 जनू 2022 को लॉन्च किया गया। एक साल बाद फुजियान ने अपनी यात्रा शुरू की। 29 अप्रैल को टगबोट फुजियान को उसके फिटिंग-आउट बेसिन से शंघाई में यांग्त्जी नदी घाट तक ले गए। वहीं 1 मई को जहाज अपने पहले समुद्री परीक्षण पर रवाना हुए। समुद्री परीक्षण मुख्य रूप से एयरक्राफ्ट के प्रणोदन और विघुत प्रणालियों की विश्वसनीयता और स्थिरता का परीक्षण करेंगे।