गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को गोरखपुर पहुंचे। उन्होंने भटहट के पिपरी में बन रहे प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय में ओपीडी सेवा का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने जनपदवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय का लाभ सबसे अधिक ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलेगी।सीएम ने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धति के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों को कल से देखना प्रारंभ कर देंगे। इसका लाभ भटहट, चरगांवा, पिपराइच, परतावल, पनियारा और गोरखपुर जनपद के सभी वासियों को तथा महाराजगंज वासियों को प्राप्त होने वाला है।

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उनकी प्रेरणा से उत्तर प्रदेश एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज की ओर बढ़ चुका है। पहले केवल गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज हुआ करता था। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज, संतकबीरनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, बहराइच के साथ ही नेपाल के सभी लोगों को व बिहार के लोगों को आना होता था। लेकिन, आपने अच्छी सरकार चुनी और केंद्र में मोदी जी ने अपना आशीर्वाद दिया।

प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई आज परिणाम है गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज जो बंदी की कगार पर था उसमें सुपर स्पेशियलिटी की स्थापना हो रही है। गोरखपुर में एम्स की स्थापना हो गई है। कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज बन रहा है। देवरिया में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हो चुका है। महाराजगंज में भी मेडिकल कॉलेज के कार्य प्रारंभ होने वाला है। सिद्धार्थनगर में भी प्रारंभ हो चुका है।बता दें कि मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम गोरखनाथ मंदिर में करेंगे। गुरुवार की दोपहर क्षेत्रीय क्रीड़ांगन में आयोजित सांसद खेलकूद प्रतियोगिता में उपस्थित रहेंगे। जीडीए की सफाई व्यवस्था में शामिल वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे ।

योगी सरकार विश्व की सबसे पुरातन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद, होम्योपैथ और यूनानी को बढ़ावा दे रही है। इस पैथी का कोई साइड इफेक्ट न होने से लोगों में इसे लेकर भरोसा ज्यादा है। आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथ) को प्रोत्साहित करने तथा इनका लाभ लोगों तक बड़े पैमाने पर पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर भटहट के पिपरी में पहले आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। 50 एकड़ में तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से विश्वविद्यालय बन रहा है।

आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने किया था। निर्माणाधीन इस विश्वविद्यालय से प्रदेश भर के सभी आयुष कालेज संबद्ध कर दिए गए हैं। आगामी कुछ माह में यह विश्वविद्यालय पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने बताया कि पहले चरण में आयुर्वेद में चार, यूनानी व होम्योपैथ के एक-एक डाक्टर रोगियों का परीक्षण कर परामर्श देंगे। दूसरे चरण में प्राकृतिक चिकित्सा और योग की ओपीडी भी शुरू की जाएगी।

आयुष विश्वविद्यालय में हानिरहित चिकित्सा सुविधा का लाभ रोगियों को तो मिलेगा ही, यहां की औषधीय खेती से किसान भी समृद्ध होंगे। आयुष विश्वविद्यालय औषधीय खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करेगा। बाजार उपलब्ध होने से किसानों का रुझान भी परंपरागत के साथ ही ज्यादा मुनाफा देने वाले औषधीय उत्पादों की खेती की तरफ बढ़ेगा।