प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला को राहत दी है। वाराणसी की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट को निर्देश दिया है कि यदि आठ दिन में रणदीप सुरजेवाला चार्जशीट व दस्तावेजों की पठनीय प्रति देने के लिए अर्जी दें तो सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में उन्हें पठनीय दस्तावेज मुहैया कराएं और संतुष्टि भी दर्ज करें।

अर्जी पर निर्णय होने तक याची के विरुद्ध किसी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न की जाए। हालांकि कोर्ट ने सुरजेवाला को यह कहते हुए सावधान भी किया है कि तकनीकी आपत्ति कर केस की सुनवाई टालने का प्रयास न किया जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने याचिका निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका में केस कार्यवाही भी रद्द करने की मांग की गई है। इससे पहले भी ऐसी मांग हाई कोर्ट अस्वीकार कर चुकी है। इसलिए वैसी ही दोबारा मांग करना पोषणीय नहीं है।

सुरजेवाला के खिलाफ लंबित मुकदमे की सुनवाई 17 को

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ लंबित 23 साल पुराने मामले की सुनवाई शनिवार को टल गई। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम के अवकाश पर होने के कारण मुकदमे की सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की गई है।

बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से आरोपित बनाने के विरोध में तत्कालीन युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजेवाला, कांग्रेस नेता एसपी गोस्वामी, अशोक मिश्र व विजय शंकर पांडेय के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 21 अगस्त 2000 को आयुक्त कार्यालय परिसर में नारेबाजी और हंगामा करने के साथ तोड़फोड़ की थी। कैंट पुलिस ने सुरजेवाला समेत अन्य को गिरफ्तार कर कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था।