जयपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनैतिक रणनीति में कांग्रेस 2014-2019 दोनो चुनाव हार गई, 2019 के चुनाव में 50 सीटों पर सिमटने से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी गंवा बैठी 2024 के लोकसभा चुनाव और इससे पहले 2023 में होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने सीट दर सीट सामान्य आरक्षित और एससी सीटों को जीतने के लिए रणनीति बनाई है। इसके अलावा भाजपा की नीति से इत्तर चलने वाले राजनैतिक क्षेत्रीय दलों से मिलकर चुनाव लडऩे का प्लान भी तैयार किया है प्लान के तहत जो  सीटें 2019 में बहुमत के कम अंतर से हारी उनमें दलित, आदिवासी सीटों पर जीत दर्ज कराने के लिए पार्टी की चुनावी रणनीति में बदलाव छत्तीसगढ़ में होने वाले अधिवेशन के बाद नजर आने लगेगे।
भारतीय जनता पार्टी की जातिवादी नीति को देखते दलित और आदिवासी लीडरशीप की एक खेप तैयार कर उन नामांकित नेताओं को सीट बाई सीट जिम्मेदारी देने का प्लान कांग्रेस ने तैयार कर लिया है राजस्थान में ऐसी सात सीटें चिन्हित की है जिन पर दलित आदिवासी नेतागणों को उतारा जायेगा ऐसे सभी नेताओं को पार्टी फोरम से आमजन को कांग्रेस की लोकहितकारी  सोच और राहुल गांधी द्वारा की गई भारत जोड़ो यात्रा में पब्लिक के जरिये पार्टी में जो सुधारात्मक शिकायतें मिली और मोदी सत्ता के साथ भारत जोड़ो यात्रा जिन जिन यात्रों से निकली वहां के लोगों द्वारा दी गई शिकायतों पर अमल करने की रणनीति पार्टी ने बना ली है और उन शिकायतों को खुद के बेस पर निस्तारित होने वाली शिकायतों का निस्तारण होगा और सरकार से जिन शिकायतों को निस्तारण करवाने के लिए विपक्ष का राजनैतिक धर्म निभाते हुए सरकार को निवारण के लिए कहा जायेगा। इसके लिए कांग्रेस ने उस प्लान पर भी काम करना शुरू कर दिया है जिसके तहत दिल्ली में कांग्रेस की सत्ता थी उस काल की योजनायें मोदी काल की योजनाओं का तुलनात्मक विवरण कर आमजनता को बताया जायेगा जिन सीटों पर दलित आदिवासी लीडरशिप उभारने की योजना है उनमें बीकानेर एससी, दौसा एसटी के लिए पहले से ही आरक्षित है अन्य आरक्षित सीटें श्रीगंगानगर एससी, बांसवाड़ा एसटी, उदयपुर एसटी, करौली धौलपुर एससी, व भरतपुर एससी पर कांग्रेस ने लगातार दो चुनाव हारे है कांग्रेस ने गंगानगर में मनोज सहारण, बीकानेर में संजीव कुमार सहारण, भरतपुर में पुष्पेन्द्र मीणा, करौली धौलपुर में नटवर सिंह दौसा में सुनील झाझडिय़ा, उदयपुर में डॉ. विजय कुमार, बांसवाड़ा में मोहम्मद अयूब को जिम्मेदारी दी थी कांग्रेस इस बार किसी भी प्रकार चुनाव नहीं हारना चाहती है सो लीडरशिप और आमजन की चुनावी मांगों का समय रहते निस्तारण एससी, एसटी, ओबीसी, जनरल सीटों पर युवाओं के साथ पुराने अनुभवी नेताओं को उतारने की तैयारी में कांग्रेस लगी है।