किसानों को साधने समर्थन मूल्य का सहारा लेगी कांग्रेस
भोपाल । विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े मध्य प्रदेश में कांग्रेस अब किसानों की कर्ज माफी के बाद गेहूं के समर्थन मूल्य को चुनावी मुद्दा बनाएगी। सरकार ने समर्थन मूल्य दो हजार 125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इसे तीन हजार रुपये करने की मांग को लेकर कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अभियान शुरू कर दिया है। वे हरदा, उज्जैन, ग्वालियर, मंदसौर सहित अन्य जिलों में स्थानीय विधायकों के साथ किसान सभा कर चुके हैं। इसमें जिस तरह किसानों का समर्थन मिल रहा है, उसे देखते हुए अभियान को गति देने का निर्णय लिया गया है। पटवारी अब विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में किसान सभा करेंगे। वचन पत्र में भी किसानों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रदेश में गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसल है। इस वर्ष 98 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है। असमय वर्षा और ओलावृष्टि के कारण उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित हुई। सरकार दस प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं समर्थन मूल्य दो हजार 125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सामान्य तौर पर ले रही है। इससे अधिक चमकविहीन गेहूं लेने पर पांच रुपये 31 पैसे प्रति क्विंटल की क्षति सरकार को उठानी होगी, जिसके लिए वह तैयार है। यह किसानों के लिए बड़ी राहत है पर कांग्रेस इसे नाकाफी मान रही है और लगातार यह दबाव बना रही है कि प्रति क्विंटल तीन हजार रुपये की दर से गेहूं खरीदा जाए। सरकार ने इस मांग पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है पर कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बनाने में जुट गई है।
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी इस मांग को लेकर प्रदेशभर में किसान सभाएं कर रहे हैं। वे अब तक हरदा, उज्जैन, मंदसौर, ग्वालियर आदि जिलों में दौरा कर चुके हैं। शाजापुर और शुजालपुर के बाद विंध्य, बुंदेलखंड और महाकोशल क्षेत्र में किसान सभाएं की जाएंगी। उनका कहना है कि किसानों की लागत बढ़ गई है। असमय वर्षा के कारण उपज प्रभावित हुई है, जिससे किसान का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार स्वयं को किसान हितैषी बताती है पर इस मुद्दे पर चुप्पी यह बताती है कि किसान उसके लिए केवल वोटबैंक हैं। जब तक गेहूं तीन हजार रुपये क्विंटल की दर से नहीं लिया जाता है, तब तक कांग्रेस पार्टी यह अभियान चलाएगी। उधर, वचन पत्र में किसानों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता में रखा जाएगा। इसमें कर्ज माफी से लेकर उपज का उचित मूल्य दिलाने का वादा शामिल रहेगा।