गोरखपुर। महंगाई के कारण इन दिनों टमाटर का बाजार गर्म है। यही वजह है कि थोक से लेकर फुटकर तक में बेंगलुरु व नासिक के साथ-साथ नेपाली टमाटर ने भी जगह बना ली है। बेंगलुरु व नासिक के टमाटर के महंगा होने के कारण महेवा थोक मंडी में प्रति दिन लगभग 15 से 20 टन नेपाली टमाटर की खपत हो रही है।

इतने रुपये प्रति किलो बिक रहे टमाटर

थोक व फुटकर मंडी में टमाटर के भाव की बात करें तो बेंगलुरु से आने वाला टमाटर थोक में 100-120 रुपये है तो फुटकर में 140-150 रुपये के भाव बिक रहा है। वहीं नेपाली टमाटर थोक में 40-50 तो फुटकर में 80-100 रुपये प्रति किलो है। नेपाली टमाटर आकार में छोटा है तो वहीं बेंगलुरु व नासिक का टमाटर आकार में बड़ा है। गत दिनों जब कस्टम ने नेपाली टमाटर को लेकर कार्रवाई की, तो यह चर्चा में आया।

गुरुवार को मंडी पहुंची नेपाली टमाटर की सात गाड़ी

सस्ता होने के कारण इन दिनों नेपाली टमाटर की तस्करी बढ़ गई थी। बिना भंसार के नेपाल से आने वाले टमाटर को लेकर कस्टम विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। थोक सब्जी कारोबारी बताते हैं कि नेपाली टमाटर जल्द खराब हो रहा है, जबकि नासिक व बेंगलुरु के टमाटर हम एक हफ्ते तक रख सकते हैं।

नेपाल से इस रास्ते आ रहा टमाटर

गत दिनों महराजगंज-नेपाल सीमा पर जांच के दौरान कस्टम और बीएसएफ ने दो-तीन पिकअप टमाटर को पकड़कर नष्ट कर दिया था। सख्ती के बाद तस्करों ने मंडी तक टमाटर पहुंचाने का रास्ता बदल दिया है। अब यह नेपाल से बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं और वहां से कुशीनगर होते हुए महेवा सब्जी मंडी आ रहे हैं।

नेपाल-बिहार सीमा पर नहीं हो रही जांच

कस्टम और बीएसएफ के नेपाल-बिहार सीमा पर जांच नहीं करने से तस्कर आसानी से टमाटर लेकर बिहार में प्रवेश कर जा रहे हैं। इसके बाद वह विभिन्न जनपदों से होते हुए गोरखपुर तक आसानी से पहुंच रहे हैं। रास्ते में न तो इनकी जांच पुलिस कर रही और न ही मंडी शुल्क वसूलने वाले कर्मचारी की कोई पूछताछ कर रहे हैं।

सब्जी-फल मंडी इंस्पेक्टर बोले

सब्जी-फल मंडी इंस्पेक्टर पवन सिंह ने कहा कि टमाटर लेकर मंडी पहुंचाने वाली गाड़ियों से पर्ची मांगी जाती है। वह बिहार से टमाटर लाने की रसीद दिखाते हैं। इसके बाद मंडी टैक्स वसूल कर उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जाती है।