उदयपुर| उदयपुर के मावली थाना क्षेत्र में पड़ोसी युवक ने नौ साल की मासूम आदिवासी बालिका से पहले दुष्कर्म किया। फिर उसकी हत्या करके शव को दस टुकड़ों में काट कर खंडहर में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

राजस्थान में उदयपुर के मावली थाना क्षेत्र में नौ साल की मासूम आदिवासी बालिका से दुष्कर्म और उसकी निर्मम हत्या का सनसनी खेज मामला सामने आया है। मासूम के पड़ोस में ही रहने वाले आरोपी युवक ने पहले बहला फुसला कर उसका अपहरण किया। फिर उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने पहले मासूम को मौत के घाट उतारा। फिर बड़ी ही निर्ममता से उसके शव के दस टुकड़े कर दिए और पास ही के खंडहर में फेंक दिए। घटना का पता चलने के बाद ग्रामीणों और आदिवासी समाज के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। वहीं, पुलिस ने मामले पर त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना मावली थाना क्षेत्र के एक गांव की है।

एसपी विकास शर्मा ने बताया कि 29 मार्च को नौ साल की आदिवासी बालिका शाम को स्कूल की छूट्टी के बाद अपने घर पहुंची। जहां से वह अपने पिता के पास खेत पर जाने के लिए घर से निकल गई। उसके बाद वह लापता हो गई। देर शाम तक भी घर पर नहीं पहुंचने पर पहले परिजनों ने उसकी तलाश की। सफल नहीं होने पर उन्होंने मावली थाने में मासूम के अपहरण का मामला दर्ज कराया।

एसपी ने बताया कि मासूम की तलाश के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही थीं। इस दौरान एक अप्रैल की शाम पुलिस को सूचना मिली कि गांव के ही एक खंडहर में अलग-अलग कट्टों मासूम का शव पड़ा होने की संभावना है। इस पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और कट्टों को खोल कर देखा तो उसमें लापता बच्ची के शव के टुकड़े थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के आलाधिकारियों के साथ एफएसएएल और डॉग स्क्वाड की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई कर देर रात शव को एमबी चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया।

घटना को लेकर गुस्साए ग्रामीण

आदिवासी मासूम बच्ची की निर्मम हत्या के बाद रविवार को ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। घटना के विरोध में सुबह से ही गांव में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों के साथ ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। लोगों ने परिवार के लोगों को मुआवजा और आरापियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। ग्रामीणों का आक्रोश देखते हुए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया। वहीं, आईजी अजय पाल लांबा और एसपी विकाश शर्मा सहित प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाकर उन्हें शांत किया। पुलिस अधिकारियों से मिले ठोस आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हो गए। वहीं, उदयपुर के एमबी होस्पीटल में मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने शव को परिजनों को सुपूर्द किया और कड़े सुरक्षा पहरे बीच शव का अंतिम संस्कार करवाया गया।
 
अपराध छिपाने के लिए किए बच्ची के दस टुकड़े

एसपी विकाश शर्मा ने बताया कि बच्ची अपने घर से खेत के लिए निकली थी। रास्ते में पड़ोस में रहने वाले कमलेश सिंह राजपूत नाम के युवक ने बहला फुसला कर उसका अपहरण कर लिया। फिर अपने घर में पहले उससे दुष्कर्म किया। फिर उसकी हत्या कर दी। यही नहीं दरिंदे युवक ने उसके शव के दस टुकड़े कर दिए। फिर अलग-अलग कट्टों में भर कर घर के सामने ही एक खंडहर में फेंक दिए।

गांव में ही आदिवासी बालिका का शव मिलने के बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई। प्रारंभिक जांच में ही पुलिस को वारदात के पीछे गांव के ही किसी व्यक्ति का हाथ होने की आशंका हुई। इस पर पुलिस की टीमों ने गांव के कई लोगों से पूछताछ की और आधा दर्जन से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया।
 
पूछताछ में आरोपी ने कबूला गुनाह

इस दौरान सामने आया कि बच्ची को अंतिम बार 29 मार्च की शाम को घटनास्थल के पास मंदिर के यहां देखा गया। संदिग्धों से पूछताछ और अन्य स्रोत से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस की टीम मामले की कड़ी से कड़ी को जोड़ते हुए आरोपी कमलेश तक पहुंच गई। पुलिस ने संदेह के आधार पर कमलेश को हिरासत में लिया और जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस टीम मामले में कमलेश से और पूछताछ कर ही है। संभावना जताई जा रही है कि इस मामले में उसके परिवार के अन्य सदस्यों के शामिल होने की संभावना है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।