उमेश हत्याकांड | उमेश हत्याकांड में नामजद ढाई लाख रुपये के इनामी शूटर साबिर के भाई जाबिर का बृहस्पतिवार को गंगा में उतराया शव मिलने से सनसनी मच गई। वह उमेश पाल की हत्या की घटना के दिन से ही फरार ता। शव की शिनाख्त उसकी बहन ने की। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। उसके शरीर पर कई चोट के निशान मिले हैं। हालांकि पुलिस ने अपने पंचनामा में उसके शरीर पर किसी तरह के चोट का निशान नहीं दर्शाया है।

बृहस्पतिवार सुबह एक व्यक्ति का क्षत विक्षत शव गंगा किनारे कछार में पड़े होने की जानकारी कोखराज पुलिस को मिली। कुछ देर में ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकलवाया। इस दौरान लोहरा (बलीपुर) गांव की गुड़िया पत्नी अकरम ने शव की शिनाख्त अपने भाई जाकिर (50) के रूप में की। 

जाकिर प्रयागराज के धूमनगंज कोतवाली क्षेत्र के मरियाडीह गांव का रहने वाला था। 10 साल पहले उसकी पत्नी ने आग लगाकर जान दे दी थी। इस मामले में जाकिर को जेल जाना पड़ा था। कुछ दिन पहले ही जाकिर जेल से छूटकर घर आया था। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक चार से पांच दिन पुराने शव में कीड़े पड़ चुके थे। मौत की वजहों को लेकर पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है।

शूटर साबिर का भाई था जाकिर

मंझनपुर। 24 फरवरी को उमेश पाल की गोली-बम मारकर हुई हत्या की घटना के बाद से ही जाकिर के फरार होने की बात कही जा रही है। उमेश हत्याकांड के बाद घर से उसके गायब होने और गंगा के कछार में शव मिलने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। जाकिर की बहन गुड़िया ने बताया कि उसका भाई घर (लोहरा) आया था। इसके बाद से वह लापता हो गया।

अभी इस मामले में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। शव की पहचान हो चुकी है। लाश चार से पांच दिन पहले की है। तमाम बातें सामने आ रहीं हैं। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।