राजस्थान में फोन टैपिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी या नहीं, इस पर दिल्ली हाईकोर्ट फैसला देगा। मामले में दोनों पक्षों के वकील दलीले पेश करेंगे। इस बीच हाईकोर्ट से गहलोत के ओएसडी ने केस को राजस्थान ट्रांसफर करने की भी गुहार लगाई है केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात की ओर से सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज मुकदमे में बुधवार को सुनवाई है। राजस्थान फोन टैपिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट सीएम अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई करेगा।

हाईकोर्ट से गुहार केस को राजस्थान ट्रांसफर करे

साल 2020 में गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान हुई बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष अधिकारी लोकेश शर्मा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस विकास महाजन की बेंच आज दोपहर तीन बजे सुनवाई करेगी। 25 मार्च 2021 को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह की शिकायत के आधार पर लोकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शिकायत में गजेन्द्र सिंह शेखवात ने जनप्रतिनिधियों के फोन टेप करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के मुकदमा दर्ज करने का बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें गिरफ्तारी पर रोक और केस को क्षेत्राधिकार के आधार पर राजस्थान में ट्रांसफर करने बात की है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी

हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। उन्हें पूछताछ के दौरान सहयोग करने के आदेश हैं। दिल्ली पुलिस सात बार लोकेश शर्मा को नोटिस जारी कर चुकी है और चार बार व्यक्तिगत रूप से लोकेश शर्मा के पहुंचने पर उनसे पूछताछ भी कर चुकी है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है। पुलिस ने कहा था कि राज्य की सरकारी मशीनरी जांच में सहयोग नहीं कर रही है। जबकि सीएम ओएसडी लोकेश शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लुथरा ने कहा था, राज्य सरकार और लोकेश शर्मा जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। बुलाने पर पूछताछ में उपस्थित भी हो रहे हैं। इस मामले को राजस्थान ट्रांसफर किया जाना चाहिए। क्योंकि क्षेत्राधिकार राजस्थान का है।

क्या है चर्चित फोन टैपिंग मामला

फोन टैपिंग प्रकरण पर दिल्ली में मार्च 2021 में केंद्रीय जल्शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले 14 जुलाई 2023 को सुनवाई की थी। कथित फोन टैपिंग से जुड़ा यह मामला उस वक्त का है, जब राजस्थान कांग्रेस में जुलाई-अगस्त 2020 के दौरान सीएम अशोक गहलोत और तत्कालीन डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट ग्रुप के बीच कलह बढ़ने से सियासी अस्थिरता बन गई थी और गहलोत सरकार संकट में आ गई थी। क्योंकि सचिन पायलट अपने खेमे के 19 विधायकों के साथ मानेसर में कैम्प कर रहे थे। इस दौरान कुछ ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जो मीडिया तक भी पहुंच गए। इस बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को आरोपी बनाते हुए दिल्ली की कोर्ट में केस दर्ज करवाया था। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है।