जयपुर । राजस्थान में अगर सत्ता परिवर्तन होता है और भाजपा सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? इसे लेकर भाजपा में संशय बरकरार है। भाजपा हर बार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करती आई है। लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया गया। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे के भरोसे है। पिछले 20 साल से भाजपा का प्रमुख चेहरा रही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को इस बार भाजपा ने अपने चुनावी कैंपेन के फ्रंट में नहीं रखा है। राजे पहली ऐसी महिला नेता हैं जो दो बार प्रदेश की सीएम रह चुकी हैं। लेकिन इस बार उनकी अनदेखी की जा रही है। तो फिर सवाल उठ रहा है कि वसुंधरा का विकल्प राजस्थान में कौन हो सकता है?
पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी की सभा में वसुंधरा राजे का भाषण नहीं होने से पार्टी में वसुंधरा की अनदेखी के कयासों को और हवा मिली है। कयास यह लगाए जा रहे है कि इस बार सीएम फेस में भाजपा राजे की जगह किसी अन्य को मौका देगी। लेकिन वह चहरा कौन होगा जिसे कमान सौंपी जा सकती है, यह चर्चा का विषय है। 
राजस्थान के सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि भाजपा में चल रही इस खींचतान से किसको फायदा होने वाला है। हालांकि पार्टी की ओर से कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिए गए हैं । लेकिन पीएम मोदी की सभा में जिस तरह से राजसमंद सांसद दीया कुमारी को तवज्जो दी गई, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वसुंधरा राजे का स्थान कौन ले सकता है? इस सभा में दीया कुमारी के अलावा एक और चेहरा अलका गुर्जर का उभर कर सामने आया। अलका तेज तर्रार नेत्रियों में शुमार होने के साथ भाजपा की राष्ट्रीय सचिव हैं।