भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत जैसलमेर से सुंदरा तक बनने वाली सड़क पांच साल से अटकी पड़ी है। इस पर पहले 390 करोड़ रुपये खर्च होने थे, अब 872 करोड़ खर्च करने होंगे। इसकी वजह है डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) के सख्त नियम। फेंसिंग, अंडरब्रिज तथा फ्लाई ओवर बनाने होंगे, जिससे लागत दो गुना से भी ज्यादा हो गई है। 

डीएनपी (डेजर्ट नेशनल पार्क) की वजह से भारत-माला प्रोजेक्ट के तहत 63 किमी सड़क का काम पांच साल से अटका है। पिछले दिनों सुंदरा-जैसलमेर तक भारतमाला प्रोजेक्ट की सड़क को लेकर सर्वे कर रिपोर्ट राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपी है। इस पर पहले 390 करोड़ रुपये की लागत का आकलन किया गया था। डब्ल्यूआईआई ने फेंसिंग, अंडरपास व फ्लाइओवर की संख्या बढ़ा दी है। इस वजह से अब इस सड़क निर्माण पर 872 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लागत 482 करोड़ रुपए बढ़ गई है।

डीएनपी की एनओसी न मिलने से अटका प्रोजेक्ट 

डीएनपी ने इस सड़क के लिए अब तक एनओसी नहीं दी है। इस वजह से भारत माला सड़क प्रोजेक्ट पिछले पांच साल से अटका है। एनएचएआई ने इस रोड के निर्माण को लेकर कदम उठाते हुए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट को पत्र भेजकर इस रोड का सर्वे करवाने की बात कही। इसके बाद वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने क्लीयरेंस देते हुए सर्वे टीम को जैसलमेर भेज दिया। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की टीम ने रिसर्च पूरा कर रिपोर्ट एनएचएआई को सौंप दी है।

डीएनपी के सख्त नियम बन रहे हैं विकास में रोड़े

डीएनपी के सख्त नियम समय-समय पर हर तरह के विकास कार्यों में रोड़ा बनते आ रहे हैं। तीन दशकों से डीएनपी में रहने वाली आबादी मूलभूत सुविधाओं तक को तरस नहीं है। वाइल्ड लाइफ के सख्त नियमों के चलते आसानी से किसी भी काम की स्वीकृति नहीं मिल रही है। इसके चलते केंद्र सरकार का यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट भी नियमों में अटक गया था। जैसलमेर से म्याजलार के बीच सड़क बनी हुई है। इसका 63 किलोमीटर का हिस्सा डीएनपी में आता है।

एनएचएआई नए सिरे से शुरू करेगा कार्य

एनएचएआई भारत माला प्रोजेक्ट के तहत इसी सड़क पर नए सिरे से निर्माण शुरू करेगा। सड़क चौड़ी होगी। रास्ते में जगह-जगह आरओबी बनेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कुछ साल पहले डीएनपी का मैनेजमेंट प्लान तैयार किया गया था। इसके तहत डीएनपी में रहने वालों निवासियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की स्वीकृति देना तय था। मैनेजमेंट प्लान के तहत सड़क निर्माण, बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन सहित अन्य कई विकास कार्य जिन पर पिछले 30-35 साल से रोक थी, करवाए जा सकते हैं। सरकार के ही इस प्रोजेक्ट में डीएनपी के नियम बाधा बन रहे है।