हिंदू रीति रिवाजों के मुताबिक, थाली में कभी भी एक साथ तीन रोटियां (Vastu Tips for roti making) नहीं परोसी जाती हैं. खास तौर से जब से एकल परिवारों का चलन बढ़ा है. तब से हर घर में लोगों के हिसाब से गिनकर रोटियां बनाई जाती हैं.

ये तो जाहिर सी बात है कि जब रोटियां गिनकर बनाई जाएंगी तो, खिलाई भी गिनकर ही जाएंगी. लेकिन, रोटी परोसते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि तीन रोटियां (Vastu Tips for cooking) न दी जाएं.

रोटियों की संख्या या तो दो हो या फिर चार लेकिन तीन नहीं होनी चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. ये न केवल कुंडली के शुभ ग्रहों के असर को गड़बड़ा देती है, बल्कि घर की सुख-शांति-समृद्धि परिजनों की सेहत तक छीन लेती है. यही वजह है कि जरूरत पड़ने पर यदि किसी को थाली में तीन रोटियां (vastu tips for kitchen) साथ रखनी भी पड़ जाए तो वे एक रोटी को दो भागों में बांटकर रखते हैं. ऐसा करने से इन रोटियों की संख्या तीन के बजाय चार मानी जाती है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है.

हमेशा जरूरत से 4 रोटियां ज्‍यादा बनाएं
शास्त्रों के अनुसार, घर के सदस्‍यों के भोजन के लिए जितनी रोटियों की जरूरत है. हमेशा उससे 4 से 5 ज्‍यादा रोटियों का आटा तैयार करना चाहिए. इसमें पहली रोटी गाय के लिए बनानी चाहिए. इसका आकार तवे जितना बड़ा होना चाहिए. वहीं आखिरी रोटी कुत्‍ते के लिए बनानी चाहिए. इसे तोड़कर गाय की रोटी से अलग रख देना चाहिए. वहीं दो रोटी मेहमान के लिए भी बनानी (why should not count roti while eating) चाहिए.

सनातन या हिंदू धर्म में मेहमान को भगवान का रूप माना गया है. इसलिए, पहले के समय में घरों में अप्रत्‍याशित तौर पर आने वाले मेहमान के लिए रोज ज्यादा रोटियां बनाई जाती थीं. ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है मां अन्‍नपूर्णा की कृपा भी बनी रहती है. ऐसा कहा जाता है कि घर आए मेहमान का भूखा जाना अच्‍छा नहीं होता. यदि मेहमान न आएं तो ये रोटियां खुद इस्तेमाल कर लें. या आप गाय अथवा कुत्‍ते, पक्षियों वगैराह को भी दे सकते हैं.

बासी आटे से बनी रोटी परिवार में झगड़ा कराती है
जब घर में रोटियां गिनकर बनाई जाती हैं तो, बचे हुए आटे को फ्रिज में रख दिया जाता है. फिर, उसका इस्तेमाल अगले दिन किया जाता है. ऐसा करना वैज्ञानिक नजरिए से तो गलत होती ही है क्‍योंकि इसमें पैदा हुए बैक्‍टीरिया कई बीमारियों को जन्‍म देते हैं. इसके अलावा ये ज्‍योतिष के लिहाज से भी गलत है.

रोटी का संबंध सूर्य मंगल से होता है. ये हमें ऊर्जा देती है लेकिन जब बासी आटे से रोटी बनाई जाती है. तो आटे में पैदा हुए बैक्‍टीरिया की वजह से उसका जुड़ाव राहु से हो जाता है. ऐसी रोटी कुत्‍ते को दी जानी चाहिए. लेकिन, जब कुत्‍ते को दी जाने वाली ये रोटियां यानी कि बासी आटे की रोटियां घर के लोग खाते हैं. तो, वे सामान्‍य से तेज आवाज में बोलते हैं ये स्थिति झगड़े की वजह बन जाती है. लिहाजा घर में शांति चाहते हैं तो कभी भी बासी आटे से बनी रोटियां घर के लोगों को नहीं खानी (Vastu Tips) चाहिए.