जयपुर। राजस्थान में फर्जी एनओसी के आधार पर निजी अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण के मामले की जांच कर रही पुलिस को इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि चिकित्सकों ने मरीजों के फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए थे।

राज्य सरकार की ओर से एनओसी जारी करने के लिए अधिकृत जयपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी एसएमएस अस्पताल से सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह ने निजी अस्पताल के चिकित्सकों व प्रबंधन से मिलीभगत कर के फर्जी एनओसी जारी की थी।

चिकित्सकों और प्रबंधन को इस बात की जानकारी थी कि गौरव फर्जी एनओसी दे रहा है। प्रत्येक फर्जी एनओसी के बदले निजी अस्पतालों की तरफ से गौरव को 30 से 35 हजार रुपये दिए गए थे। वहीं, निजी अस्पतालों ने अंग प्रत्यारोपित करवाने वाले मरीज से छह से सात लाख रुपये तक वसूले थे।

फर्जी एनओसी मिलने के बाद चिकित्सकों ने अपने साथी कर्मचारियों के साथ मिलकर सभी आवश्यक दस्तावेज फर्जी तैयार किए थे। इस बीच पुलिस ने जयपुर के फोर्टिस अस्पताल के बाद अब ईएचसीसी अस्पताल के खिलाफ एयरपोर्ट थाने में रिपोर्ट दर्ज की है। भारतीय दंड संहिता की धारा 370, 465, 471 और 120 बी में यह रिपोर्ट दर्ज की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ समय पहले ईएचसीसी अस्पताल में किड़नी प्रत्यारोपित करवाने के लिए नेपाल के काठमांड़ू निवासी राजकुमार नाकर्मी भर्ती हुए थे। ईएचसीसी अस्पताल के चिकित्सकों ने इनके सभी दस्तावेज फर्जी तैयार किए थे। इन दस्तावेजों के आधार पर एसएमएस अस्पताल में बनी कमेटी की ओर से फर्जी एनओसी जारी की गई।

कमेटी के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करने के साथ ही मुहर लगाकर गौरव ने यह एनओसी जारी की थी। अन्य एनओसी भी वह इसी तरह से जारी करता था। राजकुमार को रोबिन ने किड़नी दी थी। अस्पताल ने यह जांच नहीं की कि रोबिन और राजकुमार के बीच क्या रिश्ता है। इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह को सौंपी गई है।

जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जार्ज जोसफ ने कहा, हरियाणा के गुरुग्राम में पकड़े गए किड़नी देने वाले और प्रत्यारोपित करवाने वालों से पूछताछ के लिए सभी को प्रोडक्शन वारंट पर यहां लाया जाएगा। अस्पतालों के रिकॉर्ड का परीक्षण किया जा रहा है।

मणिपाल अस्पताल का रिकॉर्ड जब्त

पुलिस ने जयपुर के मणिपाल अस्पताल से अंग प्रत्यारोपण का रिकॉर्ड जब्त किया है। सितबंर, 2023 के बाद मणिपाल अस्पताल का अंग प्रत्यारोपण का लाइसेंस समाप्त हो गया। लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ। ऐसे में इससे पहले के 40 अंग प्रत्यारोपण का रिकॉर्ड जब्त किया गया है। उधर, अंग प्रत्योरोपण को लेकर एनओसी जारी करने वाली एसएमएस अस्पताल की कमेटी के प्रमुख डॉ. राजीव बहरहट्टा ने जवाब देने के लिए सरकार से समय मांगा है।