मानसिक विकार एक प्रकार का रोग है, जिसमें न केवल रोगी बल्कि पूरा परिवार सदमे और अवसाद में रहता है। ऐसे व्यक्ति का विशेष ख्याल रखना जरूरी है। कभी-कभी ऐसा व्यक्ति छोटे बच्चे जैसा व्यवहार करने लगता है।

उसे छोटी-छोटी बातें भी समझाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। जो भी व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित है, उसे इस पवित्र महीने में क्या उपाय करना चाहिए, जिससे उसकी पीड़ा कम हो सके, आइए जानते हैं।

यदि आप किसी भी कारण से मानसिक तनाव में हैं या किसी अज्ञात भय, असुरक्षा से पीड़ित हैं तो सावन के बुधवार के दिन 1 नारियल नीले कपड़े में लपेटकर किसी भिखारी को दान करें।
किसी भी प्रकार का तनाव होते ही एक बर्तन में पानी लें और उसमें चार लाल मिर्च डालकर अपने ऊपर से सात बार वार लें और फिर उसे घर के बाहर सड़क पर फेंक दें।
प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा करें, हनुमान चालीसा का पाठ करें। हर शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाएं। किसी गरीब व्यक्ति को एक जोड़ी चप्पल दान करें।

 
भय, चिंता और मानसिक विकारों से राहत पाने के लिए थोड़ी मात्रा में कपूर का सेवन करें। जिस कमरे में आप सोएंगे वहां कपूर का दीपक जलाएं। अगर घर में कपूर का दीपक नहीं है तो किसी दीपक या बर्तन में कपूर जलाएं। इससे सारे भय दूर हो जाते हैं, परेशानियां दूर हो जाती हैं और परिस्थितियां अनुकूल हो जाती हैं।
तनाव-अवसाद की स्थिति में सोमवार एवं पूर्णिमा की रात्रि में 'ॐ पुत्र सोमाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके अलावा चावल, दूध, चीनी, चंदन, चीनी, खीर, सफेद कपड़ा, चांदी आदि का दान करना लाभकारी होता है।
ज्ञान मुद्रा प्रतिदिन अंगूठे और पहली उंगली यानी तर्जनी को मिलाने से बनती है। इस मुद्रा को रोजाना दस मिनट तक करने से दिमाग की कमजोरी दूर हो जाती है।
किसी भी प्रकार की चिंता से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन सुबह तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, अक्षत, गुड़ और लाल फूल लेकर सूर्य देव को अर्पित करें और अपनी परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करें।